Public Khabar

सेंट्रल बैंक पर एनपीए की मार, घाटा बढ़कर 2,477 करोड़ हुआ

सार्वजनिक क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) का घाटा वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में बढ़कर 2,477.41 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. बैंक के फंसे कर्ज के एवज में प्रावधान राशि बढ़ने की वजह से बैंक का घाटा बढ़ा है. बैंक को इससे पहले वर्ष 2017-18 की इसी तिमाही में 2,113.51 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. हालांकि, तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2018) में बैंक को 718.23 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.

आय बढ़कर 6,620.51 करोड़ रुपये हो गई

केंद्रीय बैंक ने नियामकीय सूचना में यह जानकारी देते हुए कहा कि मार्च में समाप्त तिमाही में उसकी कुल आय पिछले वर्ष की इसी अवधि के 6,301.50 करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़कर 6,620.51 करोड़ रुपये हो गई. पूरे वित्त वर्ष 2018- 19 की यदि बात करें तो बैंक का घाटा बढ़कर 5,641.48 करोड़ हो गया. जो कि इससे पिछले वर्ष में 5,104.91 करोड़ था. वर्ष के दौरान बैंक की आय भी एक साल पहले के 26,657.86 करोड़ रुपये से घटकर 25,051.51 करोड़ रुपये रह गई.

बैंक की मार्च 2019 अंत में सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) उसके कुल अग्रिम का 19.29 प्रतिशत रह गई जो कि इससे पिछले वर्ष में 21.48 प्रतिशत थी. बैंक का शुद्ध एनपीए यानी शुद्ध फंसा कर्ज पहले के 11.10 प्रतिशत से घटकर 7.73 प्रतिशत रह गया. वर्ष 2018-19 की मार्च तिमाही के दौरान फंसे कर्ज के एवज में 4,523.57 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया जो कि साल भर पहले की अवधि में 4,832.47 करोड़ रुपये था.

Next Story
Share it