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संकट चौथ 2025, जानें पूजा का शुभ समय, विधि और महत्व

संकट चौथ 2025, जानें पूजा का शुभ समय, विधि और महत्व
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हिंदू धर्म में संकट चौथ का व्रत विशेष महत्व रखता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है और इसे माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत को कठिन परिस्थितियों को दूर करने और संतान की सुख-समृद्धि के लिए बेहद शुभ माना जाता है।

संकट चौथ 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 17 जनवरी 2025, शुक्रवार को प्रातः 4 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और 18 जनवरी 2025, शनिवार को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के आधार पर, यह व्रत 17 जनवरी, शुक्रवार को रखा जाएगा।

इस दिन चंद्रोदय का समय शाम 7 बजकर 32 मिनट पर है, जब व्रत करने वाले श्रद्धालु चंद्र दर्शन कर अर्घ्य देंगे और अपना व्रत पूर्ण करेंगे।

संकट चौथ की पूजा विधि

संकट चौथ के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद, एक स्वच्छ चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। पूजा के दौरान पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। भगवान गणेश को दूर्वा, पुष्प, तिल और मोदक अर्पित करें। तिल से बनी चीजों का भोग लगाना इस व्रत में अनिवार्य होता है।

रात्रि के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले जल में तिल मिलाकर भगवान गणेश का ध्यान करें। चंद्र दर्शन के बाद जल और प्रसाद ग्रहण करें। इस पूजा और व्रत को विधिपूर्वक करने से संतान से जुड़े कष्ट समाप्त होते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

संकट चौथ का महत्व

संकट चौथ व्रत को कष्टों को दूर करने और इच्छित फल प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से उन महिलाओं द्वारा किया जाता है जो अपनी संतान की दीर्घायु और मंगलमय जीवन की कामना करती हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की उपासना करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

इस पावन दिन पर श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत करने से न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि परिवार की सुख-समृद्धि में भी वृद्धि होती है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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