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माघ बिहू 2025, असम का शुभ पर्व, उत्सव और परंपरा का संगम

माघ बिहू 2025, असम का शुभ पर्व, उत्सव और परंपरा का संगम
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असम का प्रमुख पर्व माघ बिहू

माघ बिहू, जिसे भोगाली बिहू के नाम से भी जाना जाता है, असम के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व फसल कटाई के बाद समृद्धि, खुशी और समुदाय के साथ मिलकर त्योहार मनाने का प्रतीक है। इस अवसर पर किसान अपनी मेहनत का जश्न मनाते हैं और नई फसल के आगमन का स्वागत करते हैं।

2025 में माघ बिहू की तिथि

इस वर्ष माघ बिहू का पर्व 15 जनवरी 2025, बुधवार को पूरे असम और देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह दिन खासतौर पर शुभ माना जाता है और धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भरपूर होता है।

अग्नि देव की पूजा और परंपराएं

माघ बिहू की शुरुआत "उरुका" के साथ होती है, जो त्योहार के पूर्व रात्रि को मनाई जाती है। इस दिन लोग सामूहिक भोज का आयोजन करते हैं और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेते हैं। अगले दिन, मुख्य पर्व पर सुबह-सुबह "मेधी" (जलती हुई लकड़ी और फसल अवशेषों से बना अलाव) जलाया जाता है। इसे अग्नि देवता को समर्पित किया जाता है, जो समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं।

सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व

माघ बिहू न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। लोग पारंपरिक नृत्य "बिहू नृत्य" और संगीत के माध्यम से अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य समुदाय के बीच प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देना है।

प्रियजनों को दें शुभकामनाएं

माघ बिहू का पर्व परिवार और दोस्तों के साथ खुशियां बांटने का समय है। अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं देकर इस दिन को और भी खास बनाएं।

माघ बिहू एक ऐसा पर्व है जो प्रकृति, संस्कृति और परंपराओं का अनूठा संगम है। यह न केवल असम के लोगों के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। इस शुभ अवसर पर हम सभी को एकजुट होकर समाज में समृद्धि और सौहार्द का संदेश देना चाहिए।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है

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