क्या टैरिफ वॉर बना देगा मस्क और ट्रंप को विरोधी?

मस्क की अपीलों के बावजूद ट्रंप चीन पर 50% तक के नए टैरिफ लगाने पर अड़े, बढ़ सकती हैं, टेक उद्योग और टेस्ला की मुश्किलें।

क्या टैरिफ वॉर बना देगा मस्क और ट्रंप को विरोधी?
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अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार बीते वीकेंड के दौरान जब टेस्ला के सीईओ और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रमुख व्यापार सलाहकार की आलोचना करते हुए पोस्ट्स की झड़ी लगा दी, तो परदे के पीछे वह उसी सलाहकार को दरकिनार कर ट्रंप से सीधे संपर्क साधने की कोशिश कर रहे थे।

इस मसले से वाक़िफ दो लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मस्क की सीधी अपीलें नाकाम रहीं। ट्रंप ने सोमवार को चीन से आयात पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी, जो पिछले हफ्ते घोषित 34% शुल्क के अलावा होगा। हालांकि ट्रंप ने कुछ बिंदुओं पर बातचीत की संभावना के संकेत भी दिए हैं।

मस्क ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें दिवंगत रूढ़िवादी अर्थशास्त्री मिल्टन फ्राइडमैन ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार सहयोग और "मूल्य निर्धारण की निर्लिप्त प्रणाली" के फायदे बताए हैं। वीडियो में एक आम लकड़ी की पेंसिल के निर्माण में लगने वाले वैश्विक संसाधनों की व्याख्या की गई।

यह मतभेद ट्रंप प्रशासन की सबसे अहम नीतियों में से एक — टैरिफ — को लेकर हुआ है, जिसे मस्क ने सार्वजनिक रूप से चुनौती दी है। ट्रंप के इस प्रमुख समर्थक ने 2024 के चुनावों में ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी को करीब 290 मिलियन डॉलर का समर्थन दिया था और जनवरी से अमेरिकी डॉग सेवा (US DOGE) में लागत कम करने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहे थे। मस्क पहले भी ट्रंप के गठबंधन के कुछ अन्य मुद्दों, जैसे H1-B वीजा और सरकारी खर्चों के प्रबंधन, पर असहमति जता चुके हैं।

शनिवार को मस्क ने व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो पर सीधा हमला बोला। उन्होंने लिखा, “हार्वर्ड से इकनॉमिक्स में पीएचडी होना फ़ायदा नहीं, नुक़सान है।” नवारो ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बयान में कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने विभिन्न दृष्टिकोण रखने वाले प्रतिभाशाली और अनुभवी लोगों की बेहतरीन टीम बनाई है। आख़िरी फ़ैसला राष्ट्रपति का होता है और सभी उसी दिशा में काम करते हैं। इसी कारण यह प्रशासन दो महीनों में वह कर गया जो पिछला प्रशासन चार सालों में नहीं कर पाया।”

इटली के डिप्टी प्रधानमंत्री माटेओ साल्विनी के साथ बातचीत में मस्क ने कहा कि अमेरिका और यूरोप के बीच एक ‘फ्री ट्रेड ज़ोन’ बनना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों क्षेत्रों में लोगों को काम करने और आने-जाने की पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए। “यही सलाह मैंने राष्ट्रपति को दी है,” उन्होंने कहा।

टेस्ला, ट्रंप और टैरिफ: एक उलझा हुआ रिश्ता

टेस्ला के लिए अमेरिका और चीन दोनों ही उत्पादन और बाज़ार के लिहाज़ से अहम हैं, इसलिए मस्क हमेशा से टैरिफ के ख़िलाफ़ रहे हैं। अन्य वाहन निर्माता इन टैरिफ्स से शायद ज़्यादा प्रभावित होंगे, लेकिन मस्क की चिंता दीर्घकालिक नीतियों को लेकर है।

ट्रम्प के पहले कार्यकाल में ही टेस्ला ने चीन से अमेरिका में आयात होने वाले उत्पादों पर लगे शुल्क के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर किया था। 2020 में टेस्ला के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह मुक़दमा दाखिल करने का सुझाव दिया था, जिससे मस्क सहमत भी थे। लेकिन मुक़दमा दाखिल होने के बाद मस्क ने इसे लेकर स्टाफ़ पर नाराज़गी जताई और इसे ट्रंप के 'अमेरिका फर्स्ट' अजेंडा के विरुद्ध बताया। उन्हें डर था कि दाहिने झुकाव वाले सोशल मीडिया अकाउंट्स उन्हें चीन समर्थक बताकर ट्रोल करेंगे।

ट्रंप के समर्थक अरबपति व्यवसायी और टेक इंडस्ट्री के लीडर्स भी इतने सख़्त टैरिफ़्स से हैरान हैं। उन्होंने ट्रंप प्रशासन में अपने मित्रों, जैसे उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस और ट्रेज़री सचिव स्कॉट बेसेंट के ज़रिए, व्यापार नीति को उदार बनाने की अपील की थी। निवेशक जो लोंसडेल ने X पर लिखा कि उन्होंने टैरिफ्स को लेकर प्रशासन में अपने दोस्तों से बात की है क्योंकि ये अमेरिकी कंपनियों को चीनी कंपनियों से ज़्यादा नुक़सान पहुंचा सकते हैं।

व्यापार जगत की प्रतिक्रिया और मस्क का बदला मूड

सप्ताहांत में ही कारोबारियों का एक अनौपचारिक समूह बना जो ट्रंप प्रशासन पर उदार नीति अपनाने का दबाव बनाएगा। कई लोगों ने ट्रंप का समर्थन इस उम्मीद में किया था कि वे आर्थिक सलाहकारों के दबाव में कुछ संतुलित निर्णय लेंगे। लेकिन कॉमर्स सेक्रेटरी हावर्ड लटनिक — जो मस्क और ट्रंप के बीच संपर्क सूत्र थे — अब टैरिफ नीति के सख़्त समर्थक बन गए हैं।

यह मतभेद उस समय सामने आया है जब मस्क आने वाले हफ्तों में प्रशासन से औपचारिक रूप से हटने वाले हैं। साथ ही टेस्ला को वैश्विक मांग में गिरावट के चलते दबाव झेलना पड़ रहा है — खासकर मस्क के राजनीति में सक्रिय होने के बाद।

Wedbush Securities के विश्लेषक डैन आइव्स के अनुसार, “ट्रंप की टैरिफ नीति और चीन में प्रतिक्रिया के कारण टेस्ला पर असर पड़ेगा।” उन्होंने टेस्ला के स्टॉक का अनुमान $550 से घटाकर $315 कर दिया है। “टेस्ला अब वैश्विक राजनीति का प्रतीक बन गया है — और यह ब्रांड के भविष्य के लिए बेहद ख़तरनाक है।”

सोमवार को टेस्ला का स्टॉक 2.5% गिरकर $233.29 पर बंद हुआ और इस साल अब तक 38% गिर चुका है।

मस्क ने सोमवार शाम को कुछ नरमी दिखाई और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि के आधिकारिक X अकाउंट से साझा एक थ्रेड को "अच्छी बातें" कहकर समर्थन दिया। पोस्ट में बताया गया था कि अमेरिकी निर्यातकों को किन अनुचित व्यापार नीतियों का सामना करना पड़ता है।

इसी दिन मस्क के भाई किम्बल मस्क ने भी ट्रंप की आलोचना करते हुए लिखा, “कौन सोच सकता था कि ट्रंप असल में अमेरिका के सबसे हाई टैक्स राष्ट्रपति बन जाएंगे? उनकी टैरिफ नीति ने अमेरिकी उपभोक्ताओं पर स्थायी कर थोप दिया है।”

यह टिप्पणी उस घटना के कुछ ही हफ्तों बाद आई जब किम्बल मस्क ने व्हाइट हाउस लॉन पर टेस्ला की प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए ट्रंप को धन्यवाद दिया था।

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