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चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन नियम लागू,

चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन नियम लागू,
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11 मार्च को गृह मंत्रालय द्वारा नागरिकता संशोधन नियम (सीएए) को लागू किए जाने से देश में राजनीतिक हलचल मच गई है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब भारत में आम चुनाव कुछ ही हफ्तों बाद होने वाले हैं।


सीएए 2019 में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत बनाए गए नियमों का समूह है। सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है।


सीएए के लागू होने से इन धर्मों के लोगों को नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदन करने का रास्ता साफ हो गया है।



सीएए के लागू होने के बाद से ही इसे लेकर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसे राष्ट्रीय हित में उठाए गए कदम के रूप में पेश कर रही है।


भाजपा का कहना है कि सीएए उन लोगों को नागरिकता प्रदान करने में मदद करेगा जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण पड़ोसी देशों से भारत आए हैं।


लेकिन विपक्षी दल इसे चुनावी दांव बता रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को डराने और हिंदू मतदाताओं को लुभाने के लिए सीएए का इस्तेमाल कर रही है।



सीएए के लागू होने का भारत की राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।


यह चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा बन सकता है और भाजपा और विपक्षी दलों के बीच टकराव बढ़ सकता है।


इसके अलावा, सीएए से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में भी तनाव बढ़ सकता है, जहां पहले से ही नागरिकता को लेकर विवाद चल रहा है।




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