अक्षय तृतीया पर ज़रूर करें ये आसान उपाय, पूरे वर्ष बनी रहेगी सुख-समृद्धि की बरकत

अक्षय तृतीया पर ज़रूर करें ये आसान उपाय, पूरे वर्ष बनी रहेगी सुख-समृद्धि की बरकत
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हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, अर्थात कोई भी कार्य शुभ समय देखे बिना किया जा सकता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कर्म, दान, खरीदारी और उपाय कभी निष्फल नहीं जाते, बल्कि अक्षय फल प्रदान करते हैं। इसलिए इस दिन किए गए छोटे-छोटे उपाय भी जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

अगर आप आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं, बार-बार धन हानि हो रही है या स्वास्थ्य संबंधी कष्ट पीछा नहीं छोड़ रहे हैं, तो अक्षय तृतीया के दिन किए गए कुछ विशेष उपाय आपके जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकते हैं। ये उपाय ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जो पीढ़ियों से आजमाए जाते रहे हैं।

धन और समृद्धि के लिए करें ये उपाय

स्वर्ण या चांदी की खरीदारी: इस दिन सोना या चांदी खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। खरीदारी के बाद उसे अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें और लक्ष्मी मंत्रों का जाप करें। इससे घर में धन की वृद्धि होती है।

1. शंख या कौड़ी पर चंदन लगाकर रखें तिजोरी में: अक्षय तृतीया के दिन दक्षिणावर्ती शंख या पीली कौड़ी को हल्दी से पूजन करके अपनी तिजोरी या अलमारी में रखें। यह उपाय आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ धन स्थिरता देता है।

2. लक्ष्मी नारायण का संयुक्त पूजन: इस दिन लक्ष्मी नारायण की मूर्ति या चित्र का विधिवत पूजन करें। केसर मिश्रित जल से अभिषेक करें और कमलगट्टे की माला अर्पित करें। इससे आर्थिक समस्याएं समाप्त होती हैं।

आरोग्य और आयु वृद्धि के लिए इन उपायों का करें पालन

* नीम के पत्तों का सेवन: आज के दिन नीम के 5 पत्तों को जल में उबालकर उसका सेवन करें। यह शरीर को शुद्ध करने के साथ-साथ बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। इसे आयुर्वेद में रोग नाशक कहा गया है।

* गाय को हरा चारा और जल पिलाएं: गौ सेवा को अक्षय पुण्य प्राप्त करने का सर्वोत्तम माध्यम माना गया है। इस दिन किसी गाय को हरा चारा, गुड़ या जल अर्पित करने से स्वास्थ्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

* पीपल के वृक्ष की पूजा: प्रातःकाल पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं, दीपक जलाएं और सात परिक्रमा करें। यह न केवल शारीरिक आरोग्यता बल्कि पितृ दोष निवारण का उपाय भी माना गया है।

अक्षय तृतीया का रहस्य और ज्योतिषीय महत्व

अक्षय तृतीया को 'अक्षय' इसीलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन किए गए कार्यों और संकल्पों का फल कभी नष्ट नहीं होता। यह दिन त्रेतायुग की शुरुआत, परशुराम जयंती, गंगा अवतरण और महाभारत के युधिष्ठिर को अक्षय पात्र प्राप्ति जैसे ऐतिहासिक व धार्मिक घटनाओं से जुड़ा है। यही कारण है कि इस दिन कोई भी शुभ उपाय करना सौ गुना अधिक फलदायी होता है।

आज का दिन भाग्य को बदलने का मौका है। बस आपको जरूरत है सच्ची श्रद्धा, सकारात्मक सोच और इन सरल उपायों को अपने जीवन में उतारने की।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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