अयोध्या में राम मंदिर का कार्य अंतिम चरण में, पंचवटी उद्यान के माध्यम से 60% परिसर होगा हरित, दिसंबर 2025 तक पूरा होगा सपना

अयोध्या में राम मंदिर का कार्य अंतिम चरण में, पंचवटी उद्यान के माध्यम से 60% परिसर होगा हरित, दिसंबर 2025 तक पूरा होगा सपना
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अयोध्या नगरी, जो त्रेतायुग की आध्यात्मिक धरोहर के रूप में जानी जाती है, एक ऐतिहासिक उपलब्धि की ओर तेजी से अग्रसर है। भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। मंदिर की मूल संरचना लगभग तैयार हो चुकी है और अब इसे सौंदर्य और प्रकृति से सुसज्जित करने का कार्य प्रारंभ किया गया है। निर्माण एजेंसियों और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, दिसंबर 2025 तक मंदिर परिसर का सम्पूर्ण विकास कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

हरियाली से सजेगा प्रभु श्रीराम का धाम: पंचवटी उद्यान का विकास प्रारंभ

अब जब राम मंदिर का मुख्य ढांचा तैयार हो चुका है, तो ध्यान राम जन्मभूमि परिसर की हरियाली पर केंद्रित किया गया है। अनुमानित रूप से लगभग 60 प्रतिशत भूमि को हरित क्षेत्र में बदला जाएगा। इस उद्देश्य से पंचवटी उद्यान विकसित किया जा रहा है, जिसमें धार्मिक, आयुर्वेदिक और पारंपरिक भारतीय वृक्षों का रोपण किया जाएगा। तुलसी, पीपल, वट, आंवला, बेल और अन्य पवित्र वृक्षों से यह उद्यान ना केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करेगा, बल्कि परिसर की पर्यावरणीय गुणवत्ता को भी बढ़ाएगा।

धार्मिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से पंचवटी का महत्व

‘पंचवटी’ शब्द स्वयं रामायण कालीन स्थलों की स्मृति दिलाता है, जहां प्रभु श्रीराम ने वनवास काल का समय बिताया था। अयोध्या में पंचवटी उद्यान का निर्माण उसी पौराणिक भावना को जीवित करने का प्रयास है। यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए ध्यान, साधना और आत्मिक शांति का केंद्र बनेगा। साथ ही यह प्रयास आधुनिक पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी सराहनीय है, क्योंकि वृक्षारोपण से परिसर में तापमान नियंत्रण, स्वच्छ वायु और हरियाली का स्थायित्व सुनिश्चित होगा।

जनमानस में उत्साह, तैयारियां चरम पर

राम मंदिर की भव्यता को निहारने के लिए देश-विदेश से भक्तों की भीड़ प्रतिदिन बढ़ रही है। अब जब मंदिर के चारों ओर सुंदर बगीचे, वॉकवे, जलाशय और वैदिक ऊर्जा से युक्त वातावरण विकसित किया जा रहा है, तो यह अनुभव और भी दिव्य और आध्यात्मिक होने जा रहा है। ट्रस्ट का उद्देश्य है कि मंदिर आने वाले हर भक्त को शांति, आस्था और आत्मिक आनंद की अनुभूति हो।

अयोध्या में राम मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक चेतना, आस्था और समर्पण का प्रतीक है। पंचवटी उद्यान और हरियाली से युक्त परिसर आने वाले समय में पर्यावरणीय आदर्श भी स्थापित करेगा। दिसंबर 2025 में जब यह सपना पूर्ण रूप से साकार होगा, तब अयोध्या न केवल आध्यात्मिक राजधानी के रूप में उभरेगी, बल्कि हरित भारत का एक चमकता हुआ उदाहरण भी बनेगी।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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