बड़ा मंगल 2025 तीसरे मंगलवार को हनुमानजी को करें प्रसन्न, जानिए इस दिन क्या दान करना है शुभ

हिंदू धर्म में बड़ा मंगल विशेष श्रद्धा और आस्था का पर्व है, जो पूरे ज्येष्ठ मास के मंगलवारों को मनाया जाता है। इस अवसर पर हनुमान भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और जगह-जगह भंडारे तथा सेवा कार्यों का आयोजन होता है। इस वर्ष 27 मई 2025 को ज्येष्ठ महीने का तीसरा बड़ा मंगल पड़ रहा है, जिसे विशेष रूप से 'बुढ़वा मंगल' कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा और दान-पुण्य से हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और जीवन के समस्त संकट दूर करते हैं।
क्या है बड़ा मंगल का धार्मिक महत्व?
बड़ा मंगल केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक सेवा और परोपकार का प्रतीक भी है। लखनऊ और उत्तर भारत के कई शहरों में इस दिन विशेष रूप से विशाल भंडारों, हनुमान चालीसा पाठ, सुंदरकांड पाठ और झांकियों का आयोजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से संकटमोचन हनुमान जी की आराधना करता है, उसके जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। यह दिन खासतौर पर भक्तों को सामूहिक रूप से सेवा, भक्ति और परमार्थ के लिए प्रेरित करता है।
तीसरे बड़े मंगल पर दान का महत्व और किन चीजों का करें दान?
ज्योतिषाचार्यों और पुराणों के अनुसार, बड़ा मंगल के दिन दान का विशेष फल मिलता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि कर्म सुधारने और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का एक श्रेष्ठ माध्यम भी माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से निम्न चीजों का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है:
1. लाल वस्त्र या लाल चोला: हनुमान जी का प्रिय रंग लाल है, अतः लाल कपड़ों का दान विशेष फलदायक होता है।
2. चना, गुड़ और केला: ये तीनों चीजें हनुमान जी को प्रिय हैं, इनका दान करने से रोग और कर्जों से मुक्ति मिलती है।
3. जल से भरे मटके का दान: गर्मी में प्यासे जीवों के लिए जलदान करना बड़ा पुण्य माना जाता है।
4. सिंदूर और चमेली का तेल: ये हनुमान जी के श्रृंगार में प्रयुक्त होते हैं, इनका दान करने से बल, बुद्धि और विजय की प्राप्ति होती है।
5. भंडारा और प्रसाद वितरण: समाज में समानता और सेवा भाव का संदेश देने के लिए भंडारे का आयोजन सर्वोत्तम उपाय है।
इस दिन कैसे करें हनुमानजी की पूजा?
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। हनुमान मंदिर जाकर या घर पर हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करें। लाल फूल, सिंदूर, गुड़-चना और नारियल अर्पित करें। पूजा के बाद जरूरतमंदों को भोजन कराएं और उपरोक्त वस्तुओं का दान करें। इस दिन अगर कोई व्यक्ति व्रत करता है तो उसे विशेष फल की प्राप्ति होती है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।