पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को 31 दिसंबर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
तीन दिन का राष्ट्रीय शोक, ढाका में कड़ी सुरक्षा के बीच दिवंगत नेता को दी जाएगी अंतिम सलामी

बांग्लादेश की राजनीति की एक युगप्रवर्तक शख्सियत और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। उनके निधन के एक दिन बाद, बांग्लादेश सरकार बुधवार, 31 दिसंबर 2025 को दोपहर 2 बजे राजधानी ढाका में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई देगी। इस अवसर पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है, जिसके चलते सरकारी भवनों पर झंडे आधे झुके रहेंगे और सभी आधिकारिक कार्यक्रम स्थगित रहेंगे।
अंतिम संस्कार के मद्देनजर ढाका समेत प्रमुख शहरों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है। देश-विदेश के कई राजनीतिक नेता, राजनयिक और गणमान्य व्यक्ति खालिदा जिया को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अंतिम संस्कार में शामिल होने की संभावना है।
80 वर्षीय खालिदा जिया का मंगलवार, 30 दिसंबर को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे कई वर्षों से अस्वस्थ चल रही थीं और उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन को बांग्लादेशी राजनीति के एक महत्वपूर्ण अध्याय के अंत के रूप में देखा जा रहा है। खालिदा जिया ने न सिर्फ देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का गौरव हासिल किया, बल्कि बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख के रूप में दशकों तक राजनीति में प्रभावशाली भूमिका निभाई।
परिवार की इच्छा और परंपरा के अनुसार, खालिदा जिया के पार्थिव शरीर को उनके दिवंगत पति और बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान के साथ दफनाया जाएगा। जियाउर रहमान की 1981 में राष्ट्रपति पद पर रहते हुए हत्या कर दी गई थी। यह समाधि स्थल पहले से ही बांग्लादेश के इतिहास और राजनीति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है।
खालिदा जिया के निधन पर राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर देशभर से शोक संदेश आ रहे हैं। समर्थकों और आम नागरिकों के लिए वे न सिर्फ एक नेता थीं, बल्कि बांग्लादेश की लोकतांत्रिक राजनीति की मजबूत आवाज भी मानी जाती थीं।
