भानु सप्तमी 2025, जब रविवार को हो सप्तमी तिथि, बनता है सूर्योपासना का शुभ पर्व, जानें आज के दुर्लभ योगों का महत्व

भानु सप्तमी 2025, जब रविवार को हो सप्तमी तिथि, बनता है सूर्योपासना का शुभ पर्व, जानें आज के दुर्लभ योगों का महत्व
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हिंदू पंचांग में वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को विशेष आध्यात्मिक और ज्योतिषीय मान्यता प्राप्त है। जब यह सप्तमी तिथि रविवार के दिन पड़ती है, तब इसे भानु सप्तमी कहा जाता है। "भानु" शब्द सूर्य का प्रतीक है, और इस दिन सूर्य देव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। आज का दिन और भी अधिक शुभ इसलिए बन गया है क्योंकि इस दिन रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और वृद्धि योग जैसे तीन अत्यंत प्रभावशाली योग बन रहे हैं। ऐसे दुर्लभ संयोग वर्षों में एक बार ही देखने को मिलते हैं।

भानु सप्तमी: सूर्यदेव को समर्पित विशेष पर्व

भानु सप्तमी सूर्य उपासना का विशेष दिन है। इस दिन श्रद्धालु सूर्योदय के समय स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं और 'आदित्य हृदय स्तोत्र' या 'सूर्य अष्टक' का पाठ करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक सूर्य देव की पूजा करने से मानसिक और शारीरिक बल की वृद्धि होती है, आयु लंबी होती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ माना गया है जिनकी कुंडली में सूर्य दोष है या जिनके जीवन में आत्मबल की कमी है।

आज के तीन विशेष योग: जानिए क्या है महत्त्व

1. रवि पुष्य योग: जब रविवार को पुष्य नक्षत्र पड़ता है, तब यह अत्यंत फलदायी योग बनता है। इस योग में किया गया कोई भी कार्य स्थायी फल देता है। यह योग खरीदारी, व्यापार आरंभ और दवा सेवन जैसे कार्यों के लिए विशेष शुभ माना गया है।

2. सर्वार्थ सिद्धि योग: यह योग किसी भी शुभ कार्य की सिद्धि के लिए सर्वोत्तम होता है। इस समय किया गया पूजन, यज्ञ, व्रत, तंत्र-साधना या व्यापारिक निर्णय अत्यधिक सफल होता है।

3. वृद्धि योग: यह योग जीवन में उन्नति, धनवृद्धि और यश प्राप्ति के लिए आदर्श माना जाता है। किसी भी नए कार्य की शुरुआत करने के लिए यह योग अत्यंत शुभ माना गया है।

क्या करें इस भानु सप्तमी पर?

इस दिन प्रातःकाल सूर्य स्नान, मंत्र जाप और दान का विशेष महत्व है। सूर्य को जल अर्पित करते समय लाल पुष्प, रोली, अक्षत और गुड़ डालकर अर्घ्य दें। तांबे के पात्र में जल अर्पित करना श्रेष्ठ माना गया है। साथ ही, तांबे, गेहूं, लाल वस्त्र और गुड़ का दान करने से पापों का नाश होता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। विद्यार्थियों, सरकारी सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं और उच्च पद की आकांक्षा रखने वालों को विशेष रूप से सूर्य आराधना करनी चाहिए।

भानु सप्तमी केवल एक तिथि नहीं, बल्कि आत्मबल, स्वास्थ्य और भाग्य वृद्धि का परम दिन है। आज बनने वाले तीन दुर्लभ योगों के कारण यह दिन और भी अधिक प्रभावशाली हो गया है। श्रद्धा, विधि और नियमों के साथ सूर्य देव की आराधना करके व्यक्ति न केवल अपने जीवन की समस्याओं को दूर कर सकता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति की ओर भी बढ़ सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।bh

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