वाराणसी: DM ने शिक्षा समीक्षा में दिखाई सख्ती, शिक्षकों के अवकाश और निगरानी को लेकर बड़ा निर्देश

बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में अवकाश रिपोर्ट, निपुण प्लस प्रगति और दिव्यांग बच्चों के प्रमाणपत्र पर गंभीर चर्चा की गई

वाराणसी: DM ने शिक्षा समीक्षा में दिखाई सख्ती, शिक्षकों के अवकाश और निगरानी को लेकर बड़ा निर्देश
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बृहस्पतिवार को वाराणसी में डीएम सत्येंद्र कुमार ने बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में पता चला कि कई शिक्षक ज्यादा अवकाश ले रहे हैं. इस पर डीएम ने निर्देश दिया कि अवकाश रिपोर्ट पोर्टल से निकालकर उसकी जांच की जाए और देखा जाए कि छुट्टी सक्षम स्तर से ली गई है या नहीं. उन्होंने दिव्यांग बच्चों के प्रमाणपत्र बनाने के लिए विशेष कैंप लगाने को भी कहा.

गुणवत्ता और निगरानी पर नाराजगी

बैठक की शुरुआत हुई तो सबसे पहले गुणवत्तापरक शिक्षा की स्थिति देखी गई. एआरपी की ओर से दिए जाने वाले सपोर्टिंग सुपरविजन की संख्या विकास क्षेत्र आराजीलाइन, पिंडरा और नगर इलाके में काफी कम मिली. डीएम ने इस पर नाराजगी जताई. उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारियों को साफ कहा कि नवंबर में सौ प्रतिशत सुपरविजन लक्ष्य पूरा किया जाए. अगर किसी दिन रोस्टर में अवकाश आ जाता है तो अगले दिन उसका काम पूरा किया जाए.

निपुण प्लस ऐप के जरिए छात्रों के असेसमेंट की प्रगति भी उम्मीद के मुताबिक नहीं मिली. कई जगह निपुण घोषित बच्चों की सीखने की रफ्तार धीमी पाई गई. इस पर स्कूलों को सख्त निर्देश दिया गया कि पठन पाठन में किसी तरह की ढिलाई न रहे.

तकनीकी समस्याएं और बच्चों के दस्तावेज

पोर्टल में चल रही तकनीकी दिक्कतों को लेकर भी आवाज उठी. डीएम ने कहा कि राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ से संपर्क कर इन खामियों को जल्द दूर कराया जाए.

उनका जोर इस बात पर भी रहा कि विकास क्षेत्रों में सक्षम बच्चों की संख्या 80 प्रतिशत से ऊपर होनी चाहिए. जिन बच्चों का आधार अब तक नहीं बना है, उनका आधार तुरंत बनवाया जाए. अगर जन्म प्रमाणपत्र को लेकर कहीं रुकावट है तो एसडीएम की मदद से इसे निपटाया जाए.

डीबीटी का काम भी नवंबर की तय सीमा तक पूरा करने का सख्त निर्देश दिया गया.

दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष निर्देश

दिव्यांग बच्चों के प्रमाणपत्र न बन पाने की शिकायतें आई थीं. डीएम ने इसे गंभीरता से लिया और सीएमओ को आदेश दिया कि कैंप लगाकर ज्यादा से ज्यादा बच्चों के प्रमाणपत्र बनाए जाएं. उनका कहना था कि इस काम में कोई देरी बच्चों के अधिकारों में देरी बन जाती है, इसलिए यह प्रक्रिया तुरंत पूरी हो.

कस्तूरबा विद्यालय की सुरक्षा और निपुण लक्ष्य

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में सुरक्षा को लेकर डीएम ने कहा कि बाउंड्री को ऊंचा कराया जाए ताकि बालिकाओं की सुरक्षा मजबूत हो.

उन्होंने यह भी कहा कि वाराणसी के सभी विकास क्षेत्र को निपुण विकास क्षेत्र घोषित किया जाना है. इसके लिए जरूरी है कि हर स्कूल अपने 80 प्रतिशत से अधिक बच्चों को निपुण घोषित करे. बच्चों की पढ़ाई पर लगातार नजर रखी जाए ताकि ब्लॉक निपुण के मानकों पर खरा उतर सके.

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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