गुरु बृहस्पति 11 नवंबर 2025 को होंगे वक्री, कर्क राशि में उल्टी चाल से सभी 12 राशियों पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में गुरु बृहस्पति को देवताओं का गुरु, ज्ञान, धर्म, न्याय, बुद्धि, और भाग्य का अधिपति माना गया है। वर्ष 2025 में यह शुभ ग्रह एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय परिवर्तन करने जा रहा है। आगामी 11 नवंबर 2025 को दोपहर 3 बजकर 59 मिनट पर, बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में वक्री होने जा रहे हैं। इसका अर्थ है कि यह ग्रह अपनी गति उलटी दिशा में चलना शुरू करेगा। जब कोई ग्रह वक्री होता है, तो उसकी ऊर्जा और प्रभाव कई गुना बढ़ जाते हैं। इस स्थिति में गुरु का प्रभाव सभी 12 राशियों के जीवन में गहरे बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है।
बृहस्पति के वक्री होने का अर्थ और इसका प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कोई ग्रह वक्री होता है तो उसकी शक्ति प्रत्यक्ष रूप से अधिक प्रबल हो जाती है। गुरु बृहस्पति का वक्री होना जीवन के उन क्षेत्रों को प्रभावित करता है जो ज्ञान, शिक्षा, निर्णय क्षमता, धर्म, और आर्थिक स्थिरता से जुड़े होते हैं। इस समय लोगों के भीतर आत्ममंथन की प्रवृत्ति बढ़ेगी और जो भी निर्णय लिए जाएंगे, उनका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। खासकर शिक्षा, करियर, विवाह, और आध्यात्मिकता से जुड़ी स्थितियों में बड़े परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।
कर्क राशि में वक्री बृहस्पति: क्या है विशेषता
कर्क राशि बृहस्पति की उच्च राशि मानी जाती है, यानी यह ग्रह यहां सबसे अधिक बलवान स्थिति में होता है। इसलिए जब गुरु बृहस्पति कर्क में वक्री होंगे, तो उनकी ऊर्जा और भी तीव्र रूप से प्रकट होगी। यह समय उन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है जो ज्ञान, धर्म, या शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं। वहीं कुछ लोगों के लिए यह परीक्षा की घड़ी भी हो सकती है, खासकर जिनके जन्म कुंडली में बृहस्पति अशुभ स्थिति में है। इस दौरान धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी और जीवन में आत्मचिंतन का अवसर मिलेगा।
सभी 12 राशियों पर असर
इस वक्री स्थिति का प्रभाव प्रत्येक राशि पर अलग-अलग पड़ेगा। कुछ राशियों के लिए यह समय भाग्यवृद्धि और सफलता लेकर आएगा, जबकि कुछ को अपने निर्णयों में सावधानी बरतने की जरूरत होगी। मेष, कर्क, धनु और मीन राशि वालों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है, वहीं मिथुन और तुला राशि को अपने आर्थिक और पारिवारिक मामलों में संयम बरतना चाहिए।
वक्री बृहस्पति के दौरान क्या करें और क्या न करें
इस अवधि में धर्म, दान, और गुरुजनों का सम्मान करना अत्यंत शुभ रहेगा। ब्रहस्पति की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करें, पीले फूल चढ़ाएं और ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः’ मंत्र का जाप करें। वाणी में संयम रखें और किसी को अपमानित करने से बचें। ऐसा करने से बृहस्पति के वक्री प्रभाव का सकारात्मक परिणाम प्राप्त होगा।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

