सप्ताह के किन 3 दिनों में बाल कटवाना वर्जित है? जानिए धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं से जुड़ी रोचक बातें

सप्ताह के किन 3 दिनों में बाल कटवाना वर्जित है? जानिए धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं से जुड़ी रोचक बातें
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भारतीय संस्कृति में जीवन के हर छोटे-बड़े कार्य को धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं से जोड़ा गया है। ऐसा ही एक विषय है – सप्ताह के कुछ विशिष्ट दिनों में बाल कटवाना वर्जित होना। आप भले ही इसे एक साधारण दिनचर्या का हिस्सा मानते हों, लेकिन शास्त्रों और पुरानी परंपराओं में यह तय किया गया है कि हफ्ते में तीन विशेष दिनों – मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को बाल या दाढ़ी कटवाना अशुभ माना जाता है।

यह केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और मानसिक ऊर्जा के संतुलन से भी जुड़ा हुआ विषय है। आइए विस्तार से जानें कि किन-किन दिनों में बाल कटवाना मना है, और इसके पीछे क्या मान्यताएं और कारण हैं।

मंगलवार: उग्र ऊर्जा का दिन, बाल कटवाना मना क्यों है?

मंगलवार को हिंदू धर्म में हनुमान जी और मंगल ग्रह का दिन माना गया है। इस दिन शरीर में ऊर्जा का प्रभाव अत्यधिक होता है और इसे उग्र दिन माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन बाल कटवाना या दाढ़ी बनवाना व्यक्ति की ऊर्जा को कमज़ोर करता है और उसे मानसिक अशांति, रक्त विकार या क्रोध में वृद्धि जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

इसके अलावा, मंगलवार को बाल कटवाना भाई-बहन के संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है, ऐसा जन विश्वास है। इसलिए अधिकतर लोग इस दिन बाल या नाखून काटने से परहेज़ करते हैं।

गुरुवार: गुरुत्व और ज्ञान का प्रतीक, इस दिन बाल कटवाना क्यों निषेध है?

गुरुवार को बृहस्पति देव और गुरु ग्रह से जोड़ा जाता है। इसे ज्ञान, धर्म, संतान और गुरु की कृपा का दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सिर के बाल कटवाना गुरु की कृपा में कमी का कारण बन सकता है और जीवन में शिक्षा, संतान सुख और बौद्धिक विकास में रुकावटें उत्पन्न हो सकती हैं।

परंपरा के अनुसार, जो व्यक्ति गुरुवार को बाल कटवाता है, उसकी विवेकशीलता और निर्णय क्षमता धीरे-धीरे क्षीण हो जाती है। खासकर विद्यार्थियों और शिक्षक वर्ग के लिए यह दिन बाल कटवाने के लिए पूरी तरह वर्जित माना गया है।

शनिवार: शनि की साढ़ेसाती और बाल कटाने का अशुभ प्रभाव

शनिवार को शनि देव का दिन माना जाता है, जो कर्म, न्याय और दंड के अधिपति हैं। यह दिन विशेष रूप से गंभीर और संजीदा कार्यों से जुड़ा होता है। ऐसी मान्यता है कि शनिवार को बाल कटवाने से व्यक्ति पर शनि की कृपा कम हो सकती है और साढ़ेसाती या ढैय्या जैसी परिस्थितियां जीवन में परेशानी ला सकती हैं।

इसके अलावा, शनिवार को बाल कटवाना धन हानि, कामकाज में बाधा और पारिवारिक कलह का कारण भी बन सकता है। खासकर अगर किसी की कुंडली में पहले से शनि दोष हो, तो उसे इस दिन बाल कटवाने से विशेष रूप से बचना चाहिए।

सप्ताह के अन्य दिन क्यों माने जाते हैं शुभ?

रविवार, सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सामान्यत: बाल कटवाने में कोई निषेध नहीं है। इनमें विशेष रूप से बुधवार और शुक्रवार को शुभ माना गया है, क्योंकि ये दिन सौंदर्य और स्वास्थ्य से संबंधित होते हैं।

बुधवार को बुद्धि और कला से जुड़ा माना जाता है, जबकि शुक्रवार को लक्ष्मी देवी की कृपा का दिन होता है। इन दिनों में बाल कटवाने से सौंदर्य, आत्मविश्वास और सौभाग्य में वृद्धि मानी जाती है।

भले ही आधुनिक समय में इन मान्यताओं को अंधविश्वास मान लिया जाए, लेकिन भारतीय संस्कृति में हर परंपरा के पीछे कोई न कोई आध्यात्मिक और वैज्ञानिक आधार अवश्य रहा है। सप्ताह के तीन दिन – मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को बाल कटवाने से परहेज़ करना ना केवल धार्मिक दृष्टि से शुभ माना गया है, बल्कि यह एक ऊर्जा संतुलन और आत्मिक अनुशासन का भी प्रतीक है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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