इंदौर में दूषित पेयजल पीने से कई मौत का दावा, प्रशासन ने की केवल तीन मौतों की पुष्टि, सैकड़ों लोगों के बीमार होने का दावा किया गया है
भागीरथपुरा इलाके में सरकारी पाइपलाइन से सप्लाई हुए पानी पर सवाल, अस्पतालों में अब भी 100 से अधिक मरीज भर्ती

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में दूषित पेयजल आपूर्ति को लेकर गंभीर स्वास्थ्य संकट सामने आया है। एक स्थानीय इलाके में सरकारी पाइपलाइन के जरिए सप्लाई किए गए कथित रूप से प्रदूषित पानी के सेवन से अब तक कम से कम पांच लोगों की मौत होने की बात कही जा रही है, जबकि 1,000 से अधिक लोग बीमार पड़ चुके हैं। अधिकारियों ने मंगलवार, 30 दिसंबर 2025 को इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में 24 दिसंबर के बाद से बड़ी संख्या में लोगों को उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी थी। इसके बाद मरीजों को नजदीकी सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंदौर, जिसे केंद्र सरकार लगातार आठवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित कर चुकी है, वहां इस तरह की घटना ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल 111 मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं, जिनका इलाज जारी है। इसके अलावा एक हजार से ज्यादा लोगों को हल्के लक्षणों के चलते प्राथमिक उपचार देकर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। प्रशासन का कहना है कि प्रभावित इलाकों में मेडिकल टीमों की तैनाती कर दी गई है और जल आपूर्ति व्यवस्था की जांच की जा रही है।
मामले पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने बताया कि सभी मृतकों का अंतिम संस्कार उनके परिजनों द्वारा पहले ही कर दिया गया है, जिससे मौत के सटीक कारणों की पुष्टि करना फिलहाल संभव नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि मृतकों में से एक व्यक्ति पिछले करीब दो वर्षों से लकवे से पीड़ित था, जबकि दो अन्य की उम्र 70 वर्ष से अधिक थी। एक अन्य मरीज, जिससे डॉक्टरों की टीम ने अस्पताल में मुलाकात की थी, इलाज के बाद स्वस्थ हो चुका था, लेकिन दूसरे अस्पताल ले जाते समय उसे अचानक दिल का दौरा पड़ा, जिससे उसकी मौत हो गई।
फिलहाल प्रशासन द्वारा पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और एहतियातन प्रभावित क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति पर रोक लगाने के साथ वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि जांच पूरी होने तक उबला हुआ या सुरक्षित स्रोतों से प्राप्त पानी ही उपयोग में लाएं।
