ज्योतिष में रत्नों का महत्व: जानिए कैसे सही रत्न पहनने से बदल सकती है आपकी किस्मत

ज्योतिष में रत्नों का महत्व: जानिए कैसे सही रत्न पहनने से बदल सकती है आपकी किस्मत
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भारतीय ज्योतिष शास्त्र में रत्नों को विशेष स्थान प्राप्त है। ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक रत्न किसी न किसी ग्रह से गहरा संबंध रखता है। जब किसी जातक की कुंडली में ग्रहों की स्थिति कमजोर होती है, तो उसके जीवन में कई प्रकार की परेशानियाँ जन्म लेती हैं। ऐसी स्थिति में, सही रत्न का चयन कर उसे धारण करना एक प्रभावी उपाय माना जाता है। रत्न न केवल ग्रहों के दोषों को शांत करने में सहायक होते हैं, बल्कि जातक को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से भी बल प्रदान करते हैं। सही समय पर, उचित विधि से पहना गया रत्न जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकता है।

राशि के अनुसार रत्न पहनने का महत्व

ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी राशि और ग्रह दशा के अनुसार उपयुक्त रत्न धारण करता है, तो वह अपने जीवन में आ रही कठिनाइयों को दूर कर सकता है। जैसे कि मकर राशि के जातकों के लिए नीलम रत्न अत्यंत शुभ माना जाता है, वहीं सिंह राशि के लिए माणिक धारण करना लाभकारी होता है। हर राशि की अपनी विशेष प्रकृति और स्वामी ग्रह होते हैं, जिनके अनुसार रत्नों का चयन किया जाता है। अगर बिना सलाह लिए गलत रत्न धारण कर लिया जाए, तो इससे जीवन में नई समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए हमेशा कुंडली का विश्लेषण कर योग्य ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही रत्न धारण करना चाहिए।

कौन-से रत्न किस ग्रह से जुड़े हैं?

हर ग्रह के साथ एक विशिष्ट रत्न का संबंध माना गया है। सूर्य के लिए माणिक्य, चंद्रमा के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा और शनि के लिए नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है। राहु और केतु के लिए गोमेद और लहसुनिया जैसे रत्नों का उपयोग किया जाता है। यह विश्वास किया जाता है कि जब उपयुक्त रत्न धारण किया जाता है, तो वह संबंधित ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करता है।

रत्न धारण करते समय किन बातों का रखें ध्यान

रत्न धारण करने से पहले उसकी शुद्धता और वास्तविकता की पुष्टि करना अत्यंत आवश्यक है। बाज़ार में नकली रत्नों की भरमार है, जो न केवल असरहीन होते हैं बल्कि नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकते हैं। रत्न को धारण करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना चाहिए और उचित विधि से पूजा कर उसे धारण करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, रत्न को धारण करने से पहले उसे गंगाजल या कच्चे दूध से शुद्ध कर लेना चाहिए।

यदि सही प्रक्रिया से, सही रत्न धारण किया जाए, तो जीवन में अकल्पनीय सकारात्मक परिवर्तन संभव है। चाहे करियर में उन्नति हो, वैवाहिक जीवन में सुख हो या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति — सभी क्षेत्रों में रत्नों का प्रभाव देखा जा सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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