कार्तिक पूर्णिमा 2025: देवताओं का पृथ्वी पर आगमन और मोक्ष का पर्व, जानिए स्नान-दान का महत्व और तिथि

कार्तिक पूर्णिमा: देवताओं के आगमन और मोक्ष का पावन पर्व
हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। यह दिन कार्तिक मास के समापन का प्रतीक है और धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व अत्यधिक है। मान्यता है कि इस दिन देवता स्वयं स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर आते हैं और पवित्र नदियों में स्नान कर अपने पुण्य कर्मों का फल समर्पित करते हैं। यही कारण है कि श्रद्धालु भी इस दिन गंगा, यमुना, सरस्वती या अन्य तीर्थस्थलों पर स्नान कर आत्मिक शुद्धि और मोक्ष की कामना करते हैं।
पौराणिक मान्यता: गंगा स्नान से मिलता है मोक्ष
वैदिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया गया स्नान, दान और जप जीवन के समस्त पापों को नष्ट कर देता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कई शास्त्रों में इसे “मुक्ति तिथि” भी कहा गया है। मान्यता है कि इस दिन देवता भी गंगा मैया के जल में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं, इसलिए यह दिन दिव्यता और आध्यात्मिकता का संगम माना जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। तिथि की शुरुआत 4 नवंबर की रात 10 बजकर 36 मिनट पर होगी और यह 5 नवंबर की शाम 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगी। इस अवधि में स्नान, दान और दीपदान करना अत्यंत फलदायी माना गया है।
स्नान और दान का धार्मिक महत्व
इस दिन श्रद्धालु प्रातःकाल उठकर गंगा स्नान करते हैं और भगवान विष्णु, शिव तथा माता लक्ष्मी की आराधना करते हैं। स्नान के बाद दीपदान और दान-पुण्य करने की परंपरा भी है। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया गया दीपदान अंधकार को दूर कर जीवन में प्रकाश, सुख और समृद्धि लाता है। वहीं, गरीबों और ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करने से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
देव दीपावली से जुड़ा है यह पर्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दीपावली भी मनाई जाती है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने इस दिन त्रिपुरासुर का वध किया था, जिसके उपलक्ष्य में देवताओं ने दीप जलाकर आनंद मनाया। इसीलिए काशी में यह दिन विशेष रूप से भव्य दीपदान और गंगा आरती के रूप में मनाया जाता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

