खाटू श्याम जी मंदिर में देशभक्ति की भक्ति से सजा दरबार, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित श्रृंगार ने छुआ भक्तों का दिल

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित विश्वविख्यात खाटू श्याम जी मंदिर में इस बार एक अद्वितीय दृश्य देखने को मिला। श्रद्धा और देशप्रेम का ऐसा संगम शायद ही पहले कभी देखा गया हो। मंदिर प्रांगण में बाबा श्याम का श्रृंगार इस बार केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उसमें भारतीय सेना के शौर्य और सम्मान की झलक भी स्पष्ट रूप से दिखाई दी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम पर सजे इस विशेष श्रृंगार ने मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं के हृदय को गौरव और भक्ति से भर दिया। बाबा श्याम को इस रूप में सजाया गया कि वे मानो देश के हर वीर सपूत को आशीर्वाद दे रहे हों। श्रृंगार में सेना की वर्दी जैसे रंग, तिरंगे की झलक और रणभूमि के प्रतीक चिह्नों का संयोजन था, जो न केवल एक धार्मिक अनुभव बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव भी बना गया।
श्याम दरबार में भारतीय सेना को समर्पित श्रृंगार: भक्ति में वीरता की छाया
इस श्रृंगार का मूल उद्देश्य केवल बाबा श्याम की सेवा करना नहीं था, बल्कि देश के उन जवानों को नमन करना था जो सीमाओं पर तैनात हैं। मंदिर प्रशासन और सेवकों द्वारा किया गया यह विशेष श्रृंगार, 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए उन सभी सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी या दे रहे हैं।
श्रृंगार के दौरान न केवल बाबा को वीर रस में रचा-बसा रूप दिया गया, बल्कि मंदिर परिसर में देशभक्ति गीत भी गूंजते रहे, जिससे पूरा वातावरण राष्ट्रप्रेम से सराबोर हो गया। श्रद्धालुओं ने भी इस भावनात्मक पहल का भरपूर स्वागत किया और बाबा के दर्शन कर अपने मन में देशप्रेम की भावना को और प्रबल किया।
आस्था और राष्ट्रप्रेम की अद्वितीय प्रस्तुति
खाटू श्याम जी मंदिर में यह श्रृंगार सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं रहा, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बन गया। भक्तों के अनुसार, बाबा श्याम को जब तिरंगे के रंगों में सजाया गया, तो ऐसा लगा जैसे वे खुद हर सैनिक के रक्षक बन खड़े हैं।
देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने इस अनोखे श्रृंगार के दर्शन किए और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इसकी तस्वीरें साझा कीं, जिससे यह आयोजन वायरल हो गया। भक्तों का कहना था कि श्याम बाबा के इस रूप ने उन्हें अपने कर्तव्यों की याद दिलाई और भक्ति के साथ-साथ राष्ट्रसेवा की भावना भी जागृत की।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित खाटू श्याम जी का यह श्रृंगार सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय कृतज्ञता का प्रतीक बन गया। यह आयोजन यह दर्शाता है कि जब भक्ति में देशभक्ति का समावेश हो जाए, तो वह केवल पूजा नहीं रह जाती, बल्कि वह एक प्रेरणा बन जाती है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।