रोहिणी आचार्य के आरोपों के बाद लालू परिवार में बढ़ी दरार तीन और बेटियां भी घर छोड़ते दिखीं

चुनावी हार के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार में तीखा तनाव उभरा रोहिणी की नाराजगी के बीच रागिनी राजलक्ष्मी और चंदा भी पटना छोड़ दिल्ली रवाना

रोहिणी आचार्य के आरोपों के बाद लालू परिवार में बढ़ी दरार तीन और बेटियां भी घर छोड़ते दिखीं
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बिहार की राजनीति में चुनावी झटका लगने के ठीक बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार में ऐसी हलचल शुरू हुई जिसने पूरे माहौल को गरमा दिया. पार्टी की हार के एक दिन भीतर ही रोहिणी आचार्य और तेजस्वी यादव के बीच पुराना विवाद खुले मंच पर पहुंच गया. माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि रोहिणी के घर छोड़ने के कुछ ही घंटों बाद लालू की तीन और बेटियां रागिनी, राजलक्ष्मी और चंदा भी रविवार दोपहर अपने बच्चों के साथ पटना से दिल्ली रवाना हो गईं. पटना एयरपोर्ट पर उनके अलग रवैये ने संकेत साफ कर दिए कि परिवार का भीतर से टूटा भरोसा अब छिप नहीं रहा.

परिवार की सबसे चर्चित आवाज रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर जो आरोप लगाए, उसने अंदरूनी कलह को पूरी तरह उजागर कर दिया. उन्होंने लिखा कि उन्हें गालियां दी गईं और यहां तक कहा गया कि पिता को उन्होंने गंदी किडनी लगाई. रोहिणी ने इसे अपने अपमान का सबसे कठिन क्षण बताया और कहा कि किसी भी बेटी या बहन को अपने मायके में ऐसी परिस्थिति में बलिदान नहीं देना चाहिए. उनका यह बयान बताता है कि लंबे समय से दबे हुए मतभेद अब उफान पर आ चुके हैं.

रोहिणी के इस रुख के बाद तेजप्रताप यादव पहली प्रतिक्रिया देने वालों में शामिल रहे. उन्होंने बहन के सम्मान की बात उठाते हुए कहा कि पिता अगर इशारा कर दें तो जनता खुद ही तय कर देगी कि जयचंद कौन है. तेजप्रताप की इस टिप्पणी में साफ दिखा कि वे संजय यादव और तेजस्वी के करीबियों को विवाद की जड़ मानते हैं. संजय यादव और रमीज का नाम रोहिणी भी खुलकर ले चुकी हैं और यही आरोपों की दिशा तय कर रहा है.

रोहिणी आचार्य कहती हैं कि उन्होंने अपनी बात स्पष्ट रूप से लिख दी है और बाकी जवाब उन्हीं लोगों से पूछा जाना चाहिए जिन पर आरोप हैं. रोहिणी ने परिवार और पार्टी दोनों में मतभेद की वजह तेजस्वी के सलाहकारों को बताया और यहां तक कहा कि चुनावी हार भी उन्हीं की गलत रणनीतियों का नतीजा है.

दूसरी ओर तेजस्वी यादव की चुप्पी ने पूरे घटनाक्रम को और पेचीदा बना दिया. न तो उन्होंने अब तक कोई प्रतिक्रिया दी है और न ही परिवार के अन्य सदस्यों ने कुछ कहा. लालू परिवार, जो कभी राजद की एकजुटता का प्रतीक माना जाता था, आज सबसे कठिन दौर से गुजरता दिख रहा है.

राजनीतिक जानकार इसे महज पारिवारिक विवाद नहीं मानते. उनका कहना है कि यह टूट पार्टी की संरचना तक असर डाल सकती है और अंदर से कमजोर होती छवि आने वाले महीनों में राजद के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है.

पटना से दिल्ली की उड़ान भरती लालू की तीन बेटियों की खामोशी और रोहिणी की कड़वी पोस्ट यह साफ संकेत दे रही है कि घर के भीतर की अनबन अब सार्वजनिक हो चुकी है. आने वाले दिनों में यह विवाद किस दिशा में ले जाएगा, बिहार की राजनीति उसी पर नजर टिकाए हुए है.

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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