मार्गशीर्ष माह 2025: 6 नवंबर से शुरू होगा भगवान विष्णु का प्रिय महीना, जानिए दीपदान का महत्व और शुभ स्थान

मार्गशीर्ष माह 2025: 6 नवंबर से शुरू होगा भगवान विष्णु का प्रिय महीना, जानिए दीपदान का महत्व और शुभ स्थान
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हिंदू पंचांग के अनुसार, 6 नवंबर 2025, दिन गुरुवार से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो रही है। कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन से आरंभ होने वाला यह पवित्र मास हिंदू वर्ष का नौवां महीना है और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, यह महीना भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित है और इसे “धर्म, दान और साधना का काल” कहा गया है। इस दौरान विशेष रूप से दीपदान और भगवान विष्णु की उपासना का महत्व बताया गया है।


मार्गशीर्ष मास का धार्मिक महत्व

पुराणों में उल्लेख मिलता है कि मार्गशीर्ष मास में भगवान विष्णु की भक्ति करने वाला व्यक्ति मोक्ष और समृद्धि दोनों का अधिकारी बनता है। श्रीकृष्ण ने भगवद गीता में भी कहा है – “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्” अर्थात् सभी महीनों में मैं स्वयं मार्गशीर्ष हूं। यह कथन इस माह की महानता को स्पष्ट करता है। इस महीने में व्रत, दान, पूजा और ध्यान करने से पापों का क्षय होता है और परिवार में शांति तथा सुख की वृद्धि होती है।


दीपदान का विधान और लाभ

मार्गशीर्ष माह में दीपदान को अत्यंत शुभ माना गया है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस महीने प्रत्येक दिन घर में दीप जलाने से न केवल लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि जीवन से नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है। यदि आप धन, सौभाग्य और सुख-शांति की इच्छा रखते हैं, तो इस मास में दीपदान अवश्य करें।


कहां जलाएं दीपक:

1. भगवान विष्णु के मंदिर या पूजास्थल पर – भगवान श्रीहरि के समक्ष दीप जलाने से परिवार में समृद्धि आती है।


2. तुलसी के पौधे के पास – तुलसी माता भगवान विष्णु की प्रिय हैं, अतः तुलसी के समीप दीपक जलाना शुभ फलदायी माना गया है।


3. मुख्य द्वार पर – घर के द्वार पर दीपक जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।


4. रसोई और जलस्थान पर – घर की रसोई और जलस्थल को पवित्र मानकर वहां दीप जलाने से रोग और संकटों का नाश होता है।


आध्यात्मिक लाभ और श्रद्धा का भाव

मार्गशीर्ष मास को साधना, उपासना और आत्मिक शुद्धि का समय कहा गया है। इस अवधि में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना, भगवान विष्णु के नाम का जाप करना और जरूरतमंदों को अन्न या वस्त्र दान करना विशेष पुण्यदायी माना गया है। कहा जाता है कि जो भक्त इस महीने में नियमपूर्वक दीपदान करता है, उसके जीवन में लक्ष्मी और विष्णु दोनों की कृपा बनी रहती है।


मार्गशीर्ष का महीना न केवल पूजा-पाठ और दान का समय है, बल्कि यह आत्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करने का अवसर भी है। इस वर्ष 2025 में 6 नवंबर से आरंभ होकर यह माह भक्तों के लिए विशेष फलदायी रहेगा। इसलिए इस अवधि में श्रद्धा से दीप जलाएं, भगवान विष्णु की आराधना करें और अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शुभता का संचार करें।


यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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