नासा स्पेस ऐप्स चैलेंज कैलिफ़ोर्निया में रांची के प्रणय रॉय बने जज
रांची के प्रणय रॉय को नासा एम्स रिसर्च सेंटर माउंटेन व्यू में आयोजित विश्व के सबसे बड़े स्पेस हैकाथॉन में मिली जज की अहम जिम्मेदारी

रांची के युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रणय रॉय को इस वर्ष नासा स्पेस ऐप्स चैलेंज कैलिफ़ोर्निया में जज के रूप में चुना गया। नासा एम्स रिसर्च सेंटर में आयोजित इस वैश्विक कार्यक्रम में दुनिया भर से वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञ पहुंचे थे। प्रणय रांची के मूल निवासी हैं और उनकी स्कूली शिक्षा डीपीएस रांची से हुई है। उनका परिवार आज भी डोरंडा के नॉर्थ ऑफिस पाड़ा में रहता है।
नासा स्पेस ऐप्स चैलेंज दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हैकाथॉन माना जाता है। प्रतिभागी नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के ओपन डेटा के आधार पर वास्तविक वैज्ञानिक चुनौतियों के समाधान तैयार करते हैं। माउंटेन व्यू का आयोजन खास माना जाता है क्योंकि यह नासा के सक्रिय अनुसंधान केंद्र में होने वाला एकमात्र स्पेस ऐप्स इवेंट है।
प्रणय रॉय को इस बार प्रभाव, तकनीकी मजबूती और नवाचार जैसे मानकों पर प्रोजेक्ट का मूल्यांकन करने के लिए आमंत्रित किया गया। जजिंग पैनल में वैज्ञानिकों, उद्यमियों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों के साथ उन्होंने स्थानीय विजेताओं का चयन किया जो आगे वैश्विक राउंड में पहुंचे।
प्रणय वर्तमान में सैन फ्रांसिस्को स्थित ऑटोडेस्क में कार्यरत हैं। इससे पहले वे बेंगलुरु की मैक्एफी कंपनी में एंटरप्राइज सिक्योरिटी प्रोडक्ट्स पर काम कर चुके हैं। उनका करियर मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, साइबर सिक्योरिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ा रहा है।
कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी में मास्टर्स के दौरान उन्होंने डिजिटल मुद्राओं को सुरक्षित करने से जुड़ी तकनीक डिस्ट्रीब्यूटेड कंसेंसस प्रोटोकॉल पर शोध किया। उनके सह लिखित पेपर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व और एमआईटी डिजिटल करेंसी इनिशिएटिव ने उद्धृत किया है।
इस उपलब्धि ने न केवल प्रणय रॉय का अंतरराष्ट्रीय प्रोफाइल मजबूत किया है बल्कि भारतीय युवाओं की तकनीकी क्षमता को भी दुनिया के सामने पेश किया है।
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इस कार्यक्रम में प्रणय की मौजूदगी भारतीय इंजीनियरों की बढ़ती वैश्विक भूमिका को भी रेखांकित करती है। इससे पहले वे इलिनोइस और न्यू जर्सी में आयोजित दो अन्य स्पेस ऐप्स कार्यक्रमों में भी जज रह चुके हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत से जुड़े युवा टेक पेशेवर अंतरिक्ष अनुसंधान और हाइटेक समाधानों में लगातार बड़ी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं, और रांची जैसे शहरों से निकलने वाली प्रतिभा इसका मजबूत उदाहरण है।
