रांची को जाम से मिलेगी बड़ी राहत, 961 करोड़ की तीन मेगा परियोजनाओं को मिली मंजूरी
दो फ्लाईओवर और एक नई सड़क से बदलेगी राजधानी की यातायात तस्वीर

रांची की यातायात व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी
राजधानी रांची में लगातार बढ़ते ट्रैफिक जाम से परेशान लोगों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने शहर की यातायात समस्या को दूर करने के उद्देश्य से कुल 961 करोड़ रुपये की तीन बड़ी आधारभूत संरचना परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इन योजनाओं के तहत दो अत्याधुनिक फ्लाईओवर और एक नई लिंक रोड का निर्माण किया जाएगा, जिससे शहर के प्रमुख और सर्वाधिक व्यस्त इलाकों में ट्रैफिक दबाव को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
किन इलाकों में बनेंगे फ्लाईओवर और सड़क
सरकारी योजना के अनुसार पहला फ्लाईओवर अरगोड़ा चौक से हर्मू-अशोक नगर तक बनाया जाएगा, जो रोजाना लगने वाले जाम से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभाएगा। वहीं दूसरा फ्लाईओवर करमटोली चौक से साइंस सिटी तक प्रस्तावित है, जिससे उत्तरी और मध्य रांची के बीच आवागमन और अधिक सुगम हो सकेगा। इसके साथ ही चिरौंदी स्थित आशीर्वाद बैंक्वेट हॉल से बरियातू फायरिंग रेंज तक एक नई सड़क का निर्माण किया जाएगा, जो मोरहाबादी और आसपास के क्षेत्रों के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करेगी।
प्रशासनिक प्रक्रिया तेज, जल्द शुरू हो सकता है निर्माण कार्य
मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद पथ निर्माण विभाग ने इन परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रस्ताव को पहले राज्य योजना प्राधिकृत समिति के समक्ष रखा जाएगा, जहां से अनुमोदन मिलने के बाद इसे कैबिनेट की अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सभी आवश्यक स्वीकृतियां मिलते ही निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होने की संभावना जताई जा रही है।
जाम से मिलेगी राहत, शहर की रफ्तार होगी तेज
इन परियोजनाओं के पूरा होते ही रांची की यातायात व्यवस्था में व्यापक सुधार देखने को मिलेगा। अरगोड़ा, करमटोली, मोरहाबादी, बरियातू और हर्मू जैसे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में लगने वाले जाम से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। शहर के भीतर यात्रा करना आसान होगा, साथ ही बाहरी जिलों से आने-जाने वाले भारी और हल्के वाहनों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास पर भी बड़ा निवेश
इस महत्त्वाकांक्षी योजना में 362 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर जबकि 89 करोड़ रुपये भवन पुनर्वास पर खर्च किए जाएंगे। सरकार का लक्ष्य है कि विकास कार्यों के साथ-साथ प्रभावित लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया को भी पारदर्शी और सुचारू तरीके से पूरा किया जाए।
