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रिम्स में लागू होगी नई डिजिटल व्यवस्था, जन्म–मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रक्रिया बदली, अब ई-मेल पर मिलेगा सर्टिफिकेट, अस्पताल के चक्कर खत्म

रिम्स में लागू होगी नई डिजिटल व्यवस्था, जन्म–मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रक्रिया बदली, अब ई-मेल पर मिलेगा सर्टिफिकेट, अस्पताल के चक्कर खत्म
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झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स (RIMS) में इलाज के साथ-साथ प्रशासनिक सेवाओं को भी सरल और डिजिटल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब लोगों को बार-बार अस्पताल आना नहीं पड़ेगा। रिम्स प्रबंधन ऐसी नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है, जिसके तहत आवेदन पूरा होते ही प्रमाण पत्र सीधे आवेदक के ई-मेल पते पर भेज दिया जाएगा। इस पहल से खासकर बुजुर्गों, मरीजों और दूर-दराज से आने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है।


पुरानी व्यवस्था से बढ़ रही थी परेशानी, अब खत्म होगी अनावश्यक भीड़

अब तक जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के बाद लोगों को यह जानने के लिए कई बार रिम्स के चक्कर लगाने पड़ते थे कि सर्टिफिकेट तैयार हुआ या नहीं। इस प्रक्रिया में न केवल समय और पैसा बर्बाद होता था, बल्कि अस्पताल परिसर में अनावश्यक भीड़ भी बढ़ जाती थी। नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी और अस्पताल प्रशासनिक कार्यों में भी तेजी आएगी।


आवेदन के समय अनिवार्य होंगे मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी

नई प्रणाली के तहत प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते समय आवेदक से मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी अनिवार्य रूप से ली जाएगी। यदि कोई व्यक्ति स्वयं अस्पताल आकर प्रमाण पत्र लेने में असमर्थ है, तो वह पहले से ही ई-मेल के माध्यम से सर्टिफिकेट प्राप्त करने का विकल्प चुन सकेगा। प्रमाण पत्र तैयार होते ही उसे डिजिटल माध्यम से भेज दिया जाएगा, जिसमें रिम्स का आधिकारिक ई-सिग्नेचर होगा। इससे प्रमाण पत्र की वैधता पूरी तरह मान्य रहेगी और किसी भी स्तर पर विवाद की गुंजाइश नहीं होगी।


सिस्टम अपडेट होते ही मिलेगी सूचना, लंबित मामलों का होगा समाधान

रिम्स प्रबंधन के अनुसार, जैसे ही नई डिजिटल प्रणाली पूरी तरह सक्रिय होगी, प्रमाण पत्र बनते ही आवेदक को सूचना भेज दी जाएगी। इससे वर्षों से लंबित पड़े मामलों का तेजी से निपटारा संभव होगा और भविष्य में दोबारा ऐसी स्थिति नहीं बनेगी। यह कदम रिम्स को पेपरलेस और पारदर्शी सिस्टम की ओर ले जाने की दिशा में अहम माना जा रहा है, जिससे लोगों का भरोसा संस्थान पर और मजबूत होगा।


समय और पैसे दोनों की बचत, बैकलॉग होगा खत्म

नई व्यवस्था लागू होने के बाद लोगों को बार-बार रिम्स आने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे समय और खर्च दोनों की बचत होगी। सबसे अधिक फायदा बुजुर्गों, बीमारों और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को मिलेगा। नई डिजिटल प्रणाली से इस समस्या का स्थायी समाधान होने की उम्मीद है।

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