लखनऊ में यूपी एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले में अहम खिलाड़ी अमित टाटा गिरफ्तार

लखनऊ में फेन्सेडिल कोडीन तस्करी नेटवर्क से जुड़े आरोपी अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा की गिरफ्तारी, करोड़ों की अवैध दवा तस्करी के तार पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तक पहुंचे।

कोडीन फैन्सीड्रिल कफ सिरप तस्करी
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आरोपित अमित टाटा

लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने कोडीन फेन्सेडिल कफ सिरप के ड्रग नेटवर्क में शामिल एक बड़े नाम को गिरफ्तार कर लिया है। यह वही नेटवर्क है जिस पर आरोप है कि उसने फेन्सेडिल कफ सिरप और कोडीन युक्त अन्य दवाओं को नशे के रूप में बेचने के लिए भारी मात्रा में अवैध भंडारण किया था और इन्हें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल और यहां तक कि बांग्लादेश तक भेजा जाता था। गुरुवार सुबह करीब सात बजे लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में स्थित ग्वारी चौराहा के पास STF ने अमित कुमार सिंह नाम के आरोपी को पकड़ लिया। वह अमित टाटा के नाम से भी जाना जाता है और वरूणा इन्क्लेव, सिकरौल वाराणसी में रहता था जबकि उसका मूल निवास जौनपुर के सुरेरी थाना क्षेत्र के सीतूपुर गांव में है।

छापे के दौरान STF ने उसके पास से दो मोबाइल फोन, एक फॉर्चुनर कार नंबर यूपी 65 एफएन 9777, आधार कार्ड, चार हजार पांच सौ रुपये नकद और मोबाइल से मिले कई दस्तावेज बरामद किए। यह पूरी कार्रवाई उस जांच का हिस्सा थी जिसमें राज्य सरकार ने एसटीएफ और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की संयुक्त टीम बनाई थी। इसी जांच के दौरान भारी मात्रा में अवैध फेन्सेडिल बरामद हुआ था और थाना सुशांत गोल्फ सिटी में धारा 420, 467, 468, 471, 34, 120 बी और 201 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

इस गिरोह के दो सदस्य विभोर राणा और विशाल सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। दोनों की पूछताछ से अमित कुमार सिंह का नाम सामने आया था। इसी आधार पर आज की गिरफ्तारी हुई। STF टीम में अपर पुलिस अधीक्षक लाल प्रताप सिंह के पर्यवेक्षण में निरीक्षक अंजनी कुमार पांडे, निरीक्षक आदित्य कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल विनोद सिंह, गौरव सिंह, अखिलेश कुमार, प्रभाकर पांडे, सुनील कुमार सिंह, कृष्ण कुमार त्रिपाठी और शेर बहादुर शामिल थे।

पूछताछ में अमित ने खुलासा किया कि उसकी मुलाकात विकास सिंह के जरिए वाराणसी के शुभम जायसवाल से हुई थी। विकास ने बताया था कि शुभम की रांची में शैली ट्रेडर्स नाम की फर्म है जो फेन्सेडिल का बड़ा कारोबार करती है। शुभम ने बताया कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में इस सिरप की बहुत मांग है। इसी लालच में अमित ने जनवरी 2024 में धनबाद में देवकृपा मेडिकल एजेंसी नाम से अपनी फर्म खुलवाई। उसने बताया कि उसने इस धंधे में पांच लाख रुपये लगाए और इसके बदले उसे बीस से बाइस लाख रुपये मिले जो नकद में दिए जाते थे और जिन्हें वह अपनी पत्नी साक्षी सिंह के खाते में जमा कर देता था। इसके बाद शुभम और उसके साथियों ने बनारस में भी उसके नाम से श्री मेडिकल नाम की फर्म खोलवाई और कोडीन सिरप की खरीद बिक्री शुरू कर दी।

अमित ने यह भी स्वीकार किया कि शुभम और उसके साथी एबॉट कंपनी के अधिकारियों की मदद से सौ करोड़ रुपये से अधिक की फेन्सेडिल सिरप खरीदी गई और फर्जी बिल और ई वे बिल बनवाकर इस माल को तस्करों को बेच दिया गया। रांची और गाजियाबाद में जब पुलिस और एसटीएफ ने इस गिरोह के सौरभ त्यागी, विभोर राणा सहित कई सदस्यों को पकड़ लिया तो शुभम परिवार के साथ दुबई भाग गया। अब वह फेसटाइम ऐप के जरिए बात करता है।

अमित के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं जिनमें हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और धमकी जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। इनमें सारनाथ और कैंट थाने के कई पुराने केस जुड़े हैं। उसकी ताजा गिरफ्तारी को सुशांत गोल्फ सिटी वाले मामले में दाखिल किया जाएगा और आगे की कार्रवाई एसटीएफ करेगी।
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