12 अगस्त 2026 को लगेगा साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण, जानिए कब, कहां और कैसे दिखेगा यह दुर्लभ खगोलीय नजारा

12 अगस्त 2026 को लगेगा साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण, जानिए कब, कहां और कैसे दिखेगा यह दुर्लभ खगोलीय नजारा
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आगामी वर्ष यानी 2026 में खगोल विज्ञान के प्रेमियों के लिए एक बेहद खास दिन आने वाला है। 12 अगस्त 2026 को आकाश में एक अद्भुत और दुर्लभ दृश्य दिखाई देगा, जब सूर्य ग्रहण घटित होगा। सूर्य ग्रहण वह खगोलीय घटना है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आकर सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक देता है। इस दौरान कुछ क्षणों के लिए सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता, और दिन में भी हल्का अंधेरा छा जाता है।


क्या है सूर्य ग्रहण? जानिए सरल शब्दों में वैज्ञानिक कारण

खगोलशास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण केवल अमावस्या के दिन ही संभव होता है। जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, तब चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को रोक देता है। इस दौरान तीन प्रकार के ग्रहण दिखाई दे सकते हैं —


1. पूर्ण सूर्य ग्रहण, जब सूर्य पूरी तरह चंद्रमा से ढक जाता है।


2. आंशिक सूर्य ग्रहण, जब सूर्य का कुछ हिस्सा ही ढका होता है।


3. वलयाकार ग्रहण (Ring of Fire), जब चंद्रमा सूर्य के केंद्र को ढकता है लेकिन किनारे जलते हुए छल्ले की तरह दिखाई देते हैं।


12 अगस्त 2026 को पड़ने वाला यह ग्रहण वैज्ञानिकों के अनुसार आंशिक और कुछ क्षेत्रों में पूर्ण सूर्य ग्रहण के रूप में देखा जा सकेगा।


भारत में कब और कहां दिखेगा यह सूर्य ग्रहण

भारतीय उपमहाद्वीप के कई हिस्सों में यह सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से दिखाई देगा। वहीं, यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के कुछ क्षेत्रों में इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण के रूप में देखा जा सकेगा। खगोलविदों का कहना है कि इस दिन सूर्योदय के समय कुछ स्थानों पर सूर्य आंशिक रूप से ढका रहेगा, जिससे सुबह का दृश्य बेहद मनमोहक और रहस्यमय दिखाई देगा।


भारत में यह ग्रहण मुख्यतः उत्तर-पश्चिमी राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के कुछ इलाकों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। अन्य राज्यों में इसका आंशिक प्रभाव देखने को मिलेगा।


सूर्य ग्रहण का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण को सिर्फ खगोलीय घटना नहीं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण समय माना गया है। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल में स्नान, दान और मंत्र जप का विशेष फल प्राप्त होता है। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान और घर की शुद्धि करने की परंपरा भी है। वहीं गर्भवती महिलाओं और बच्चों को ग्रहण के समय घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है।


ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह ग्रहण सिंह राशि में घटित होगा, जिससे इस राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण के समय सूर्य की ऊर्जा में परिवर्तन होता है, जो मानसिक और शारीरिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है।


सावधानियां और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

ग्रहण के समय नग्न आंखों से सूर्य को देखना हानिकारक होता है, इसलिए वैज्ञानिक हमेशा विशेष सोलर फिल्टर या प्रमाणित चश्मे के उपयोग की सलाह देते हैं। मोबाइल कैमरा या दूरबीन से सूर्य को बिना फिल्टर देखना आंखों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है।


वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण का अध्ययन पृथ्वी और अंतरिक्ष के कई रहस्यों को समझने का अवसर प्रदान करता है। इस अवसर पर दुनिया भर के एस्ट्रोफिजिक्स लैब्स और स्पेस ऑब्जर्वेटरीज विशेष रिसर्च करेंगी।


12 अगस्त 2026 का सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ अवसर है, जो न केवल धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी एक बड़ा अध्ययन का विषय बनेगा। यह दिन आकाश प्रेमियों के लिए अद्भुत अनुभव लेकर आएगा, जब पूरा ब्रह्मांड मानो अपनी एक अनोखी लय में बंधा दिखाई देगा।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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