आज वैनायकी चतुर्थी: भगवान गणेश की आराधना से मिलती है बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य

आज वैनायकी चतुर्थी: भगवान गणेश की आराधना से मिलती है बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य
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हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को 'वैनायकी चतुर्थी' के रूप में जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा और उपासना की जाती है, जिन्हें सम्पूर्ण ब्रह्मांड में प्रथम पूज्य देवता का दर्जा प्राप्त है। किसी भी धार्मिक या मांगलिक कार्य की शुरुआत श्री गणेश के स्मरण और पूजा के बिना अधूरी मानी जाती है।

वैनायकी चतुर्थी के दिन व्रत रखने और गणपति की विधिपूर्वक पूजा करने से मनुष्य के सभी संकटों का नाश होता है। मान्यता है कि यह तिथि गणेश जी को अत्यंत प्रिय है क्योंकि वे चतुर्थी तिथि के अधिपति माने जाते हैं। इस दिन की गई साधना का प्रभाव अत्यंत शीघ्र होता है और भक्तों को मनवांछित फल प्राप्त होते हैं।

गणेश उपासना से करियर में मिलती है गति, हटती हैं बाधाएं

वैनायकी चतुर्थी केवल धार्मिक महत्व नहीं रखती, बल्कि यह जीवन में प्रगति और सफलता प्राप्त करने का भी सशक्त माध्यम मानी जाती है। विशेष रूप से करियर और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह दिन अत्यंत उपयोगी होता है। भगवान गणेश को 'विघ्नहर्ता' कहा जाता है, जो जीवन की समस्त रुकावटों को दूर कर मार्ग को प्रशस्त करते हैं।

यदि आप करियर में लगातार बाधाओं का सामना कर रहे हैं या नौकरी में उन्नति नहीं मिल रही, तो वैनायकी चतुर्थी पर कुछ विशेष उपाय अवश्य करें। सुबह स्नान कर लाल वस्त्र पहनें और भगवान गणेश को दूर्वा, लाल पुष्प, मोदक और सिंदूर अर्पित करें। 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें। यह साधना आपको मानसिक स्पष्टता, निर्णय शक्ति और आत्मबल प्रदान करेगी।

व्रत और उपाय: वैनायकी चतुर्थी का पूर्ण लाभ पाने के लिए करें ये कार्य

इस दिन व्रत रखने की परंपरा है। व्रती प्रातः काल उठकर शुद्ध होकर भगवान गणेश का ध्यान करते हैं और दिन भर फलाहार पर रहते हैं। शाम को पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा में गंगाजल, पंचामृत, दूर्वा, घी का दीपक और लड्डू या मोदक का भोग अर्पित करें।

करियर संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए इस दिन श्री गणेश को ‘कर्म सिद्धि यंत्र’ अर्पित करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, एक नारियल पर लाल कपड़ा लपेटकर उसे मंदिर में अर्पित करें और मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।

वैनायकी चतुर्थी: आस्था और विश्वास से जुड़े कर्म जो दिलाते हैं इच्छित फल

वैनायकी चतुर्थी का पर्व न केवल श्रद्धा और भक्ति से जुड़ा है, बल्कि यह हमारे कर्मों और विश्वास की भी परीक्षा है। जो श्रद्धा से गणेश जी की आराधना करता है, उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है – चाहे वह शिक्षा हो, व्यवसाय हो या नौकरी। यह दिन आत्मा की शुद्धि, सोच की स्पष्टता और लक्ष्य की प्राप्ति का अवसर है।

इसलिए आज के दिन संकल्प लें कि हम केवल पूजा तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि भगवान गणेश की शिक्षाओं को अपने जीवन में भी उतारेंगे – जैसे धैर्य, विवेक, साहस और सत्यनिष्ठा। यही सच्चे अर्थों में वैनायकी चतुर्थी का सार है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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