वाराणसी से नेपाल-बांग्लादेश तक फैला कोडीन कफ सिरप तस्करी रैकेट बेनकाब, 5 गिरफ्तार, ₹23 करोड़ से अधिक का संदिग्ध लेनदेन उजागर
वाराणसी में कागजी कंपनियों के जरिए चल रहा था नशे का कारोबार, करोड़ों का लेनदेन उजागर

वाराणसी पुलिस की बड़ी कार्रवाई, कफ सिरप तस्करी पर कड़ा प्रहार
उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी के खिलाफ वाराणसी पुलिस ने एक बड़ी और निर्णायक कार्रवाई को अंजाम दिया है। रविवार, 28 दिसंबर 2025 को पुलिस ने इस संगठित नेटवर्क से जुड़े पांच तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया है कि ये आरोपी सीधे तौर पर शुभम जायसवाल और दिवेश जायसवाल जैसे कुख्यात मास्टरमाइंड के लिए काम कर रहे थे, जो इस अवैध कारोबार की रीढ़ माने जा रहे हैं।
शेल कंपनियों के जरिए चल रहा था नशे का अवैध कारोबार
पुलिस जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि तस्करी नेटवर्क का पूरा ढांचा कागजी कंपनियों (Shell Companies) पर आधारित था। आरोपी फर्जी दस्तावेजों की मदद से फर्मों का रजिस्ट्रेशन कराते थे, जीएसटी नंबर और ड्रग लाइसेंस हासिल करते थे। ये कंपनियां वास्तव में अस्तित्व में नहीं थीं, बल्कि केवल कागजों पर बनाई गई थीं। इन्हीं फर्जी फर्मों के नाम पर नकली जीएसटी बिल और इनवॉइस तैयार कर कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध सप्लाई देश और सीमा पार तक की जा रही थी।
रोहनिया और सारनाथ से हुई गिरफ्तारियां
कार्रवाई के दौरान रोहनिया थाना क्षेत्र से स्वप्निल केसरी, दिनेश यादव और आशीष यादव को गिरफ्तार किया गया, जबकि सारनाथ थाना क्षेत्र से विष्णु पांडेय और लोकेश अग्रवाल को हिरासत में लिया गया। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, रोहनिया से जुड़े मामले में करीब ₹13 करोड़ और सारनाथ से जुड़े नेटवर्क में लगभग ₹10 करोड़ के संदिग्ध वित्तीय लेनदेन सामने आए हैं, जिनकी बैंकिंग और डिजिटल ट्रेल के आधार पर जांच जारी है।
बिहार, बंगाल और बांग्लादेश तक फैला नेटवर्क
जांच एजेंसियों के अनुसार, यह तस्करी रैकेट केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था। इसके तार बिहार, पश्चिम बंगाल और आगे चलकर बांग्लादेश तक जुड़े हुए पाए गए हैं। कोडीन युक्त कफ सिरप को नशे के रूप में खपाने के लिए सीमावर्ती इलाकों का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिससे अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क की आशंका भी गहराती जा रही है।
मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल फरार, इनाम घोषित
इस पूरे नेटवर्क का मुख्य सूत्रधार शुभम जायसवाल फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर है। उसकी गिरफ्तारी के लिए ₹50,000 का इनाम घोषित किया गया है और उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है। पुलिस ने शुभम और उसके परिजनों की करीब ₹38 से ₹40 करोड़ की संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें चल-अचल दोनों तरह की संपत्तियां शामिल हैं।
