राजा आनन्द ज्योति सिंह की संदिग्ध मौत के मामले में नए सिरे से जांच, पत्नी ने लगाई थी उप मुख्यमंत्री से गुहार
एक साल पुरानी घटना में नए सवाल, पत्नी ने कोर्ट से लेकर सरकार तक लगाई आवाज, अब पुलिस फिर से हर साक्ष्य खंगाल रही है

File photo of Raja Anand Jyoti Singh from his Facebook Profile
वाराणसी का यह मामला जैसे एक बार फिर नई परतें खोल रहा है। सेंट्रल बार के पूर्व उपाध्यक्ष राजा आनंद ज्योति सिंह की मौत को एक साल हो चुका है। अधिवक्ता की पत्नी भारती सिंह ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से सीधी गुहार लगाई। उनका आरोप है कि उनके पति की मौत सामान्य नहीं थी। भारती का आरोप है कि कफ सिरप प्रकरण में गिरफ्तार अमित सिंह टाटा और मास्टर माइंड माने जा रहे शुभम जायसवाल ने एक पार्टी के दौरान ब्रांडेड कोल्ड कॉफी में जहर मिलाकर उनके पति की हत्या की थी।
वाराणसी कमिशनरेट के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बर्थरा कलां गांव में रहने वाले अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह की मौत 30 नवंबर 2024 को हुई थी। उस रात वे एक दवा कारोबारी की पार्टी में गए थे और वहां से लौटने के बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
भारती का दावा यह भी है कि उनके पति कफ सिरप के अवैध कारोबार से जुड़े अहम राज जानते थे। वे सोशल मीडिया पर खुलासा करने वाले थे, जिससे कुछ लोग परेशान थे। इसी डर से उन्हें पार्टी के नाम पर बुलाया गया और योजनाबद्ध तरीके से जहर दे दिया गया। यह आरोप गंभीर हैं और शायद इसी वजह से यह मामला अब फिर सुर्खियों में है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई थी। इसी आधार पर तत्कालीन चौबेपुर इंस्पेक्टर ने अमित सिंह टाटा और शुभम जायसवाल पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। अब जब पत्नी ने सीधे सरकार के सामने बात रखी, पुलिस कमिश्नरेट ने पुरानी फाइलें खोल दी हैं. डीसीपी वरुणा जोन और एसीपी सारनाथ की टीम मामले की फाइलें, विसरा रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और उस समय सुरक्षित रखे गए दूसरे साक्ष्य फिर से खंगाल रही है। एसीपी सारनाथ विदुष सक्सेना के निर्देशन में उस दौर की पूरी फाइल दोबारा खंगाली जा रही है।
उधर सर्किट हाउस में उप मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान भारती ने बताया कि उन्होंने चौबेपुर थाने में तहरीर दी थी लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनका कहना है कि शुभम जायसवाल अब दुबई में है और जांच आगे बढ़े तभी सच सामने आएगा।
अब पुलिस की आने वाली कार्रवाई यह तय करेगी कि यह मामला क्या मोड़ लेता है या फिर पुराने निष्कर्षों पर ही ठहर जाता है।

