वाराणसी: पुलिस रपट लिखती रही, सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने ट्रेस किया अपना चोरी हुआ आईफोन
मुंबई की सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने वाराणसी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए खुद ही अपना चोरी हुआ मोबाइल खोज निकाला। अंकिता की तकनीकी सूझबूझ से चोरों के ठिकाने से 15 मोबाइल बरामद हुए हैं।

वाराणसी: अक्सर अपराध होने पर पीड़ित पुलिस की ओर देखता है, लेकिन जब तकनीकी दक्षता और दृढ़ इच्छाशक्ति मिल जाए, तो तस्वीर बदल सकती है। वाराणसी के अस्सी घाट पर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ हुई मोबाइल स्नेचिंग की घटना इसका ताज़ा उदाहरण है। जहां पुलिस शुरुआती जांच में केवल खानापूर्ति करती नजर आई, वहीं पीड़िता ने अपनी तकनीकी सूझबूझ का इस्तेमाल कर न केवल अपना आईफोन खोज निकाला, बल्कि मोबाइल चोरों के एक संदिग्ध ठिकाने का भी पर्दाफाश कर दिया।
मुंबई के घाटकोपर की रहने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकिता गुप्ता काशी भ्रमण पर आई थीं। सोमवार शाम अस्सी घाट की भीड़भाड़ के बीच उनका दो लाख रुपये की कीमत वाला आईफोन चोरी हो गया। सामान्य प्रक्रिया के तहत उन्होंने भेलूपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। अंकिता का आरोप है कि पुलिस ने तत्परता दिखाने के बजाय गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली को देखते हुए अंकिता ने खुद जांच शुरू करने का फैसला किया। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने के नाते उन्होंने मुंबई स्थित अपने सहयोगियों की मदद ली और फोन की लोकेशन ट्रेस करना शुरू किया। तकनीकी जांच में फोन की लोकेशन वाराणसी के चांदपुर इलाके में एक मकान के पास लगातार स्थिर दिखाई दे रही थी।
लोकेशन पुख्ता होने पर अंकिता ने पुलिस को साथ लेकर उस स्थान पर दबिश दी, लेकिन आरोप है कि पुलिसकर्मी रात में महज औपचारिकता पूरी कर लौट गए। हार न मानते हुए अंकिता मंगलवार को दोबारा उस मकान पर पहुंचीं और मकान मालिक से कड़ाई से पूछताछ की। जानकारी मिली कि वहां एक किरायेदार रहता है। जब उस कमरे को खुलवाया गया, तो वहां का दृश्य चौंकाने वाला था।
कमरे के भीतर अंकिता का आईफोन तो मिला ही, साथ ही वहां 12 से 15 अन्य मोबाइल फोन भी बरामद हुए, जो संभवतः चोरी के थे। इस बरामदगी ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह केवल एक साधारण चोरी नहीं, बल्कि संगठित गिरोह का काम हो सकता है।
इतनी बड़ी बरामदगी के बाद भेलूपुर पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने मौके से सभी मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। भेलूपुर थाना प्रभारी सुधीर त्रिपाठी ने पुष्टि की है कि मोबाइल बरामद कर लिए गए हैं और संदिग्ध किरायेदार की तलाश में दबिश दी जा रही है। यह घटना सवाल उठाती है कि यदि आधुनिक तकनीक का सही समय पर पुलिस द्वारा उपयोग किया जाए, तो कितने संगठित अपराधों का खुलासा समय रहते हो सकता है।
