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रिलीज से पहले पद्मावत की 10 बड़ी बातें जो आपको फिल्म देखने को मजबूर करेंगी

रिलीज से पहले पद्मावत की 10 बड़ी बातें जो आपको फिल्म देखने को मजबूर करेंगी

संजय लीला भंसाली की फिल्म...Editor

संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर बेशक विवाद चल रहा हो लेकिन पूरी फिल्म में विवाद की वजह फिलहाल ढूंढे नहीं मिल रही है। भारी विवादों के बीच आखिरकार 25 जनवरी को फिल्म रिलीज होने को तैयार है और हम आपको बता रहे हैं 10 कारण, जिनकी वजह से आपको पद्मावत जरूर देखनी चाहिए...


फिल्म देखने के बाद आप यह कह सकते हैं कि भले कि रानियां पर्दे में रहा करती थीं लेकिन वक्त पड़ने पर दुश्मनों को अपनी अक्ल से बुद्धिमत्ता से दांत खट्टे करने में माहिर थी। रानी पद्मावती के इस बेजोड़ नमूने को संजय लीला भंसाली ने बखूबी दिखाने की कोशिश की है।

इस फिल्म में खिलजी-महारावल-पद्मावती के बीच की राजनीतिक खींचतान को जिस तरह दिखाया गया है वो कमाल है। रानी की अक्लमंदी का बेजोड़ नमूना तब दिखता है जब रानी अपने राजा को खिलजी की कैद से छुड़ाने के लिए कुछ शर्त रखती है और खिलजी उनकी सारी शर्ते मान लेता है। और वहीं पर आधी जंग पद्मावती जीत लेती हैं।

संजय लीला भंसाली पर इस फिल्म को लेकर भले ही राजपूतों और पद्मावती को लेकर कई आरोप लग रहे हों लेकिन उन्होंने राजपूतानियों को गर्व करने का मौका बार-बार दिया है। हां जहां तक फिल्म के निर्देशन की बात है तो भंसाली साहब कुछ-कुछ बाहुबली फिल्म से प्रभावित दिखे हैं। फिल्म में युद्ध के सीन को बखूबी फिल्माया है।

3डी फिल्म होने की वजह से दर्शक काफी जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। अगर इस फिल्म को राजपूतों के विवाद से उपर उठकर देखें तो यह एक जबरदस्त फिल्म है।

फिल्म का एक दृश्य जो आपको ताली बजाने पर मजबूर कर सकता है, वो है महारावल के सेनापति गोरा सिंह की मौत का दृश्य, इस दृश्य के बाद आप बरबस वाह कहेंगें.. गोरा सिंह का सिर कट चुका होता है लेकिन उसका धड़ तलवार भांज रहा होता है। कुछ ऐसा ही राजा रतन सिंह के साथ भी दिखाया गया है। उनकी तलवार मरते-मरते भी खिलजी की गर्दन पर होती है और वो झुकता नहीं है।

फिल्म में राजपूतों का महिमामंडन जरूर किया गया है और दिखाया गया है कि कैसे उसूलों के लिए लड़ते हुए राजपूत को धोखे से खिलजी ने हराया।
अलाउद्दीन खिलजी को एक विकृत मानसिकता वाले विलासी और व्यभिचारी के रूप में दिखाया गया है। रानी पद्मावती, रावल रतन सिंह और
पूरे चित्तौड़ की रगों में वीरता और स्वाभिमान का खून दौड़ते दिखाया गया है।

रानी पद्मावती एक ऐसी वीरांगना के रूप में सामने आई हैं जो राजपूत आन बान शान और जिम्मेदार राजघराने की परंपरा को आगे बढ़ाती दिखीं हैं।

फिल्म की शुरूआत ही इस स्पष्टीकरण के साथ होती है कि यह मलिक मोहम्मद जायसी के काव्य पद्मावत से प्रेरित है और किसी भी घटनाओं के ऐतिहासिक रूप से सत्य होने का कोई दावा नहीं है।

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