नीलम कोठारी ने टोरंटो से मुंबई फ्लाइट में खाना खाने के बाद बेहोश होने का अनुभव बताया, क्रू पर लापरवाही का आरोप |

बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री और ज्वेलरी डिज़ाइनर नीलम कोठारी ने हाल ही में अपने साथ हुई एक अत्यंत ही परेशान करने वाली घटना का खुलासा किया है। यह घटना उनकी टोरंटो से मुंबई की लंबी हवाई यात्रा के दौरान हुई, जिसने हवाई सफर के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और एयरलाइन कर्मचारियों के आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नीलम कोठारी ने दावा किया है कि उड़ान के दौरान भोजन ग्रहण करने के कुछ ही देर बाद उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई, जिसके परिणामस्वरूप वह बेहोश (Fainted) हो गईं। यह एक गंभीर स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति थी, खासकर तब जब यात्री ज़मीन से हज़ारों फीट ऊपर हो।
अभिनेत्री के अनुसार, इस आपातकालीन स्थिति के दौरान फ्लाइट क्रू (Flight Crew) का रवैया निराशाजनक और गैर-पेशेवर था। नीलम कोठारी ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया है कि जब उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता या कम से कम मानवीय सहयोग की आवश्यकता थी, तब विमान कर्मचारियों ने उनकी मदद करने में घोर लापरवाही बरती। किसी भी लंबी दूरी की अंतर्राष्ट्रीय उड़ान में, यात्रियों की सुरक्षा और आराम सुनिश्चित करना एयरलाइन क्रू की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है, और एक यात्री के बेहोश हो जाने पर, तुरंत प्राथमिक उपचार और सहयोग प्रदान करना अनिवार्य प्रोटोकॉल का हिस्सा होता है। नीलम कोठारी का यह अनुभव विमानन उद्योग के मानकों और ग्राहक सेवा की गुणवत्ता पर एक तीखी टिप्पणी है।
इस घटना के सार्वजनिक होने के बाद, यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और हवाई यात्रियों के बीच एक बड़ी बहस छिड़ गई है। नीलम कोठारी के इस खुलासे ने उन अनगिनत यात्रियों की आवाज़ को भी बल दिया है जो हवाई यात्रा के दौरान एयरलाइन क्रू के असंवेदनशील व्यवहार का सामना करते हैं। यह मामला न केवल सेलिब्रिटी के व्यक्तिगत अनुभव तक सीमित है, बल्कि यह सभी प्रमुख एयरलाइनों के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रक्रियाओं की समीक्षा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके कर्मचारी हर यात्री, चाहे वह कोई भी हो, की सुरक्षा और कल्याण के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील और प्रशिक्षित हों। नीलम कोठारी द्वारा साझा की गई यह व्यथा, भविष्य की यात्राओं के लिए एयरलाइन सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्त बनाने की आवश्यकता पर जोर देती है।
