सलमान खान ने राजश्री पान मसाला विज्ञापन विवाद में कोटा उपभोक्ता न्यायालय में दाखिल किया जवाब, शिकायत को बताया प्रताड़ित करने वाला

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता सलमान खान ने, जिनके खिलाफ राजश्री पान मसाला के विज्ञापन में भ्रामक प्रचार करने के संबंध में शिकायत दर्ज की गई थी, आखिरकार राजस्थान के कोटा उपभोक्ता न्यायालय (Consumer Court) में अपना आधिकारिक जवाब दाखिल कर दिया है। यह मामला काफी समय से सुर्खियों में बना हुआ है, जिसमें अभिनेता को एक ऐसे उत्पाद का प्रचार करने के लिए कानूनी सवालों का सामना करना पड़ रहा है जिसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। सलमान खान की ओर से यह कानूनी प्रतिक्रिया मुंबई के जाने-माने एडवोकेट पराग द्वारा कोर्ट में प्रस्तुत की गई, जिसने इस पूरे मामले में एक नया मोड़ ला दिया है।
पेश किए गए जवाब में, एडवोकेट पराग ने सलमान खान के पक्ष को मजबूती से रखते हुए, शिकायत की मंशा पर ही गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट में दिए गए बयान के अनुसार, अभिनेता के कानूनी प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया है कि उपभोक्ता न्यायालय में दर्ज की गई यह शिकायत पूरी तरह से 'दुर्भावनापूर्ण' इरादे से की गई है। उनका तर्क है कि इस कानूनी कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य न्याय प्राप्त करना नहीं, बल्कि सुपरस्टार सलमान खान जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति को 'प्रताड़ित' करना और उन्हें अनावश्यक कानूनी पचड़ों में फँसाना है। इस जवाब के माध्यम से, सलमान खान की लीगल टीम ने न केवल आरोपों का खंडन किया है, बल्कि यह भी स्थापित करने की कोशिश की है कि विज्ञापन से जुड़े तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है और अभिनेता का इरादा किसी भी उपभोक्ता को गुमराह करने का नहीं था।
यह कानूनी दाँव-पेंच अब यह तय करेगा कि क्या सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट (सेलिब्रिटी द्वारा विज्ञापन) के लिए उनकी जिम्मेदारी केवल एक व्यावसायिक अनुबंध तक सीमित है, या उन्हें विज्ञापन की सामग्री और उसके उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव के लिए भी जवाबदेह ठहराया जा सकता है। कोटा उपभोक्ता न्यायालय द्वारा इस प्रतिक्रिया पर विचार किया जाएगा, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई की तारीख तय की जाएगी। सलमान खान का यह स्पष्ट और आक्रामक जवाब दर्शाता है कि वह इस मामले को हल्के में नहीं ले रहे हैं और अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी ताकत से चुनौती देने के लिए तैयार हैं। यह मामला भविष्य में सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट और भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े मामलों के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी मिसाल स्थापित कर सकता है।
