अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए विदेशी 'कब्जा' हटाना होगा : तालिबान
तालिबान के नेता ने शनिवार को कहा कि अफगानिस्तान में तब तक शांति नहीं आएगी जब तक यहां विदेशी 'कब्जा' बरकरार रहेगा. इस आतंकी समूह का कहना है कि अमेरिका से सीधी बातचीत के बाद ही देश से हिंसा को समाप्त किया जा सकता है. ईद-उल-जुहा के मौके पर जारी किए गए संदेश में मौलवी हैबतुल्ला अखुनजादा ने कहा कि तालिबान 'इस्लामिक लक्ष्यों' और अफगानिस्तान की संप्रभुता और युद्ध को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. हाल के वर्षों में तालिबान मजबूत हुआ है और उसने देश के कई जिलों पर कब्जा कर लिया है और नियमित रूप से बड़े हमले कर रहा है.
वर्तमान सरकार अमेरिका का मुखौटा
तालिबान ने अफगानिस्तान सरकार से बात करने से मना किया था क्योंकि इस आतंकी समूह का मानना है कि वह यह सरकार अमेरिका का मुखौटा है और वह सीधे अमेरिका से बातचीत करेगा. समूह ने कहा है कि वह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और अन्य देशों को खतरे में नहीं डालेगा. आतंकी समूह ने अमेरिकी और नाटो सेनाओं की अफगानिस्तान से पूरी तरह वापसी की मांग की है. आपको बता दें कि बीती 15 अगस्त को उत्तरी अफगानिस्तान में दो निकटवर्ती जांच चौकियों पर तालिबान के हमले में कम से कम 30 सैनिकों और पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी.
उत्तरी बगलान प्रांत में प्रांतीय परिषद के प्रमुख मोहम्मद सफदर मोहसेनी ने बताया था कि बगलान-ए-मरकजी में देर रात हुए हमले के बाद आतंकवादियों ने जांच चौकियों में आग लगा दी. बगलान से सांसद दिलावर अयमाक ने हमले की पुष्टि की. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने हमले की जिम्मेदारी ली है