साढ़े चार साल में पहली बार पीएमओ नहीं गए पीएम मोदी...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साढ़े चार साल के कार्यकाल में दिल्ली में रहते पहली बार शुक्रवार को अपने कार्यालय नहीं गए। मोदी वाजपेयी के निधन के बाद बृहस्पतिवार से ही व्यस्त रहे। पार्थिव शरीर को एम्स से उनके सरकारी आवास लाने, फिर शुक्रवार को सरकारी आवास से पार्टी मुख्यालय ले जाने से लेकर अंतिम यात्रा तक पीएम खुद मौजूद रहे।
सूत्रों ने बताया कि मोदी ने अचानक अटलजी की अंतिम यात्रा में पैदल चलने का मन बनाया। पहले उनके सीधे स्मृति स्थल पहुंचने की सूचना दी गई थी। पीएम के अचानक पैदल ही अंतिम यात्रा में शामिल होने के निर्णय के बाद सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद की गई।
6 किमी सफर तय करने में लगे 1.40 घंटे
वाजपेयी की अंतिम यात्रा में भीड़ इतनी ज्यादा थी कि दीन दयाल उपाध्याय स्थित भाजपा मुख्यालय से स्मृति स्थल तक का महज 6 किमी सफर पूरा करने में 1.40 घंटे लग गए।
वाजपेयी की अंतिम यात्रा डीडी मार्ग स्थित भाजपा मुख्यालय से शुरू हुई और आईटीओ क्रॉसिंग, बहादुरशाह जफर मार्ग, दिल्ली गेट, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मार्ग, शांति वन चौक होते हुए स्मृति स्थल पहुंची। उनका पार्थिव शरीर जिस रास्ते से गुजरा उसके दोनों ओर हजारों लोग अंतिम दर्शन के लिए खड़े इंतजार करते मिले। लोग पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा कर रहे थे।
मुखाग्नि के बाद भावुक हो गईं नातिन निहारिका
अंतिम संस्कार के क्रम में वाजपेयी की बेटी नमिता और नातिन निहारिका ने खुद को संभाले रखा। लेकिन, जैसे ही नमिता ने वाजपेयी को मुखाग्नि दी, निहारिका के सब्र का बांध टूट गया। तिरंगे के रूप में अपने नाना की अंतिम निशानी हासिल करते समय भी निहारिका भावुक दिखीं।