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भूलकर भी न करें इस तरह गायत्री मंत्र का जप, नही तो बुरा परिणाम

भूलकर भी न करें इस तरह गायत्री मंत्र का जप, नही तो बुरा परिणाम

गायत्री मंत्र को वेदों में...Editor

गायत्री मंत्र को वेदों में बड़ा ही चमत्कारी और फायदेमंद बताया गया है। इस मंत्र का जप आमतौर पर उपनयन संस्कार के बाद क‌िया जाता है। इस मंत्र के बारे में 7 ऐसी बातें जान‌िए आखिर क्यों हर क‌िसी को गायत्री मंत्र का जप करना चाह‌िए।


वेदों की कुल संख्या चार है। इन चारों वेदों में गायत्री मंत्र का उल्लेख क‌िया गया है। इस मंत्र के ऋषि विश्वामित्र हैं और देवता सविता हैं। माना जाता है क‌ि इस मंत्र में इतनी शक्त‌ि है क‌ि न‌ियम‌ित तीन बार इसका जप करने वाले व्यक्त‌ि के आस-पास नकारात्मक शक्त‌ियां यानी भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाएं नहीं फटकती हैं।

गायत्री मंत्र के जप से कई प्रकार का लाभ म‌िलता है। यह मंत्र कहता है 'उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।' यानी इस मंत्र के जप से बौद्ध‌िक क्षमता और मेधा शक्त‌ि यानी स्मरण की क्षमता बढ़ती है। इससे व्यक्त‌ि का तेज बढ़ता है साथ ही दुःखों से छूटने का रास्ता म‌िलता है।

गायत्री मंत्र का जप सूर्योदय से दो घंटे पूर्व से लेकर सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक क‌िया जा सकता है। मौन मानस‌िक जप कभी भी कर सकते हैं लेक‌िन रात्र‌ि में इस मंत्र का जप नहीं करना चाह‌िए। माना जाता है क‌ि रात में गायत्री मंत्र का जप लाभकारी नहीं होता है।
आर्थ‌िक मामलों में परेशानी आने पर गायत्री मंत्र के साथ श्रीं का संपुट लगाकर जप करने से आर्थ‌िक बाधा दूर होती है।छात्रों के ल‌िए यह मंत्र बहुत ही फायदेमंद है। स्वामी व‌िवेकानंद ने कहा है क‌ि गायत्री सद्बुद्धि का मंत्र है, इसलिऐ उसे मंत्रो का मुकुटमणि कहा गया है।" न‌ियम‌ित 108 बार गायत्री मंत्र का जप करने से बुद्ध‌ि प्रखर और क‌िसी भी व‌िषय को लंबे समय तक याद रखने की क्षमता बढ़ जाती है। यह व्यक्त‌ि की बुद्ध‌ि और व‌िवेक को न‌िखारने का भी काम करता है।

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