15 जुलाई को रखा जाएगा मंगला गौरी व्रत, श्रावण मास की पंचमी तिथि पर महिलाएं करेंगी देवी गौरी का पूजन

श्रावण मास का प्रत्येक दिन देवी-देवताओं की भक्ति और व्रत-पूजन के लिए पवित्र माना जाता है, लेकिन श्रावण के मंगलवार विशेष रूप से मंगला गौरी व्रत के लिए प्रसिद्ध हैं। इस वर्ष 15 जुलाई 2025 को श्रावण कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि और मंगलवार का संयोग बन रहा है। इस दिन महिलाएं मां गौरी की पूजा-अर्चना कर अखंड सौभाग्य, सुखी वैवाहिक जीवन और मनचाहे वर की प्राप्ति की कामना करती हैं।
मंगला गौरी व्रत का महत्व
मंगला गौरी व्रत का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए विशेष रूप से सौभाग्यवती रहने और वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने हेतु अति फलदायक होता है। साथ ही यह व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए योग्य वर प्राप्ति के लिए भी उत्तम माना जाता है। इस व्रत को सावन के प्रत्येक मंगलवार को रखा जाता है, लेकिन पंचमी तिथि का संयोग इसे और भी शुभ बना देता है।
पूजन विधि और संकल्प
इस दिन महिलाएं प्रातःकाल स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करती हैं और व्रत का संकल्प लेती हैं। पूजा के लिए देवी गौरी की मूर्ति या चित्र को लकड़ी के पाटे पर स्थापित कर सजाया जाता है। मां को रोली, हल्दी, चावल, लाल फूल, पंचमेवा, नारियल, सिंदूर, श्रृंगार का सामान और मिठाई चढ़ाई जाती है।
🔸 दीप जलाकर “ॐ गौरी शिवायै नमः” मंत्र का जप करें।
🔸 16 गांठ वाले सूत का उपयोग कर गौरी सूत्र बांधा जाता है।
🔸 कथा सुनने या पढ़ने के बाद आरती करें और अंत में सुहाग सामग्री का दान करें।
मंगला गौरी व्रत से मिलते हैं ये विशेष फल
इस व्रत को करने से स्त्रियों को दांपत्य जीवन में प्रेम, सामंजस्य, और स्थायित्व प्राप्त होता है। विवाहित स्त्रियां इस व्रत से अपने पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि के लिए मां गौरी से आशीर्वाद मांगती हैं। वहीं अविवाहित कन्याएं इसे कर के मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त करने की प्रार्थना करती हैं।
मां गौरी की कृपा से मिलती है जीवन में सुख-शांति और अखंड सौभाग्य
15 जुलाई को आने वाला मंगला गौरी व्रत सावन माह का अत्यंत शुभ और प्रभावशाली दिन है। इस दिन विधिवत पूजन और व्रत करने से जीवन में कष्टों का नाश, सौभाग्य की प्राप्ति और वैवाहिक जीवन में संतुलन आता है। मां गौरी, जो माता पार्वती का ही स्वरूप हैं, उनकी आराधना से हर स्त्री को अपने जीवन में इच्छित फल की प्राप्ति संभव है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।