बुध ग्रह की वक्री चाल 18 जुलाई से शुरू, जानें क्या होगा इसका आपकी राशि पर प्रभाव

कर्क राशि में वक्री होंगे बुध – क्या है इसका अर्थ?
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, व्यापार, संचार और निर्णय क्षमता का कारक माना जाता है। जब यह ग्रह अपनी सामान्य गति छोड़कर वक्री चाल यानी उलटी दिशा में चलने लगता है, तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर किसी न किसी रूप में अवश्य पड़ता है। इस वर्ष 18 जुलाई 2025 से बुध ग्रह कर्क राशि में वक्री होने जा रहे हैं, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है।
बुध की वक्री चाल – शुभ या चुनौतीपूर्ण?
बुध ग्रह जब वक्री होता है तो यह कई मामलों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। विशेष रूप से संचार, दस्तावेज, तकनीकी उपकरण, शिक्षा और व्यापार से जुड़े लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। हालांकि कुछ राशियों के लिए यह समय पुनर्विचार, पुनर्निर्माण और रुके कार्यों के लिए अनुकूल भी सिद्ध हो सकता है। यह स्थिति जहां कुछ के लिए पुनर्संधान का अवसर बन सकती है, वहीं कुछ के लिए गलतफहमी और फैसलों में चूक का कारण भी बन सकती है।
किन राशियों के लिए है यह समय शुभ?
मेष, वृष और कर्क राशि के जातकों के लिए बुध की यह उलटी चाल कुछ सकारात्मक परिणाम ला सकती है। पुराने संपर्कों से लाभ, अधूरे कार्यों में प्रगति और आत्मविश्लेषण से नई दिशा मिलने के योग बनेंगे। वहीं कन्या और मिथुन राशि के लिए, जिनके स्वामी स्वयं बुध हैं, यह समय मिला-जुला रह सकता है – इन जातकों को खासतौर पर शब्दों और निर्णयों में सावधानी रखनी चाहिए।
जिन्हें रहना होगा सावधान
धनु, मकर, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों को इस दौरान विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। भ्रमित विचार, गलतफहमियां, संवाद में टूटन या व्यापारिक योजनाओं में विलंब जैसी स्थितियां बन सकती हैं। दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से पहले सावधानी और तकनीकी मामलों में सतर्कता अनिवार्य रहेगी।
क्या करें इस समय में? – ज्योतिषीय उपाय और सुझाव
बुध के वक्री काल में हरे वस्त्र धारण करना, बुधवार का व्रत रखना, और “ॐ बुधाय नमः” मंत्र का जाप करना लाभकारी हो सकता है। इस समय में कोई नया व्यापार या बड़ा निवेश टालना अच्छा रहेगा। साथ ही, विवाद से बचें और जितना संभव हो, अपनी बात स्पष्ट रूप से कहें। ध्यान और आत्मचिंतन से मानसिक शांति बनाए रखी जा सकती है।
18 जुलाई 2025 से बुध की वक्री चाल का प्रभाव पूरे राशिचक्र पर पड़ेगा। यह समय किसी के लिए आत्मनिरीक्षण का अवसर हो सकता है, तो किसी के लिए संयम की परीक्षा। समझदारी, धैर्य और सतर्कता इस काल में सबसे अच्छे उपाय होंगे। ग्रहों की चाल आपकी दिशा नहीं बदल सकती, लेकिन आपका नजरिया अवश्य बदल सकती है – और वही बदलाव भविष्य को सुंदर बना सकता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।