सावन के पहले मंगलवार पर मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व, जानें पूजा विधि और शुभ लाभ

सावन के पहले मंगलवार पर मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व, जानें पूजा विधि और शुभ लाभ
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सावन मास और मंगला गौरी व्रत का पावन संगम

श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना जितनी महत्वपूर्ण है, उतनी ही देवी पार्वती की उपासना भी फलदायी मानी जाती है। सावन के पहले मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है, जो विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों के लिए शुभ और फलदायी होता है। यह दिन सुहाग की रक्षा, वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि और पति की लंबी उम्र के लिए देवी गौरी को समर्पित होता है।

क्यों रखती हैं महिलाएं यह व्रत?

मंगला गौरी व्रत को सुहागन स्त्रियों का विशेष पर्व माना गया है। पुराणों के अनुसार, माता पार्वती ने शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तप किया था और उनके व्रत के प्रभाव से उन्हें भगवान शिव का साथ मिला। उसी भावना से प्रेरित होकर महिलाएं यह व्रत रखती हैं कि उनका वैवाहिक जीवन अटूट, सुखी और मंगलमय बना रहे।

पूजा विधि और शुभ समय

इस व्रत में महिलाएं सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर घर में शुभ स्थान पर मिट्टी से गौरी माता की प्रतिमा बनाती हैं या स्थापित करती हैं। फिर उन्हें फूल, अक्षत, रोली, कुमकुम, वस्त्र, सुहाग की वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं। माता को 16 श्रृंगार अर्पित किया जाता है। इसके पश्चात मंगला गौरी व्रत कथा सुनने का विधान है। इस दिन दीपक जलाकर माता की आरती की जाती है और व्रती पूरे दिन फलाहार रखती हैं।

व्रत से जुड़ी मान्यताएं और लाभ

मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक माता गौरी का व्रत करने से स्त्रियों को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। अविवाहित कन्याओं के लिए यह व्रत उत्तम वर प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, परिवार में सुख-शांति और संतान सुख के लिए यह व्रत करती हैं। कुछ स्थानों पर यह व्रत पूरे सावन मास के प्रत्येक मंगलवार को भी रखा जाता है।

सावन में देवी आराधना का विशेष महत्व

सावन मास को देवी-देवताओं की उपासना के लिए सबसे पवित्र काल माना गया है। विशेष रूप से स्त्रियों के लिए यह समय धार्मिक कर्तव्यों और व्रतों का योग लेकर आता है। मंगला गौरी व्रत उनमें से एक है, जो केवल आत्मिक शुद्धता ही नहीं, बल्कि पारिवारिक सौहार्द और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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