सावन पूर्णिमा 2025 पर अद्भुत संयोग: शिव और विष्णु दोनों की कृपा बरसेगी इस पावन दिन

सावन पूर्णिमा 2025 पर अद्भुत संयोग: शिव और विष्णु दोनों की कृपा बरसेगी इस पावन दिन
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सावन पूर्णिमा 2025 पर अद्भुत संयोग: शिव और विष्णु दोनों की कृपा बरसेगी इस पावन दिन

हिंदू पंचांग में सावन मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह तिथि न केवल गुरु पूर्णिमा के रूप में जानी जाती है, बल्कि इस दिन ज्योतिषीय दृष्टि से भी कई दुर्लभ संयोग बनते हैं। वर्ष 2025 में सावन पूर्णिमा का पर्व और भी खास होने वाला है, क्योंकि इस दिन शिव और विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त करने का दुर्लभ अवसर बन रहा है। इस विशेष दिन पर शिवभक्त और विष्णुभक्त दोनों ही अपने-अपने आराध्य को प्रसन्न कर सकते हैं।

गुरु पूर्णिमा और सावन पूर्णिमा का पावन मेल

6 अगस्त 2025 को मनाई जा रही सावन पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा का भी पर्व है, जो ज्ञान, भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। गुरु को जीवन में ईश्वर के समान माना गया है, और इस दिन उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करना अत्यंत पुण्यदायी होता है। साथ ही सावन माह में यह पूर्णिमा भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ होती है। यह दिन गुरु और भगवान दोनों को समर्पित माना गया है, जिससे इस तिथि की पवित्रता और फलदायिता कई गुना बढ़ जाती है।

शिव-विष्णु योग: चंद्रमा, बृहस्पति और नक्षत्रों का विशेष प्रभाव

इस सावन पूर्णिमा पर ग्रह-नक्षत्रों की जो स्थिति बन रही है, वह अत्यंत शुभ और दुर्लभ है। चंद्रमा इस दिन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर रहेगा, वहीं गुरु बृहस्पति की दृष्टि विशेष रूप से धर्म, ज्ञान और आस्था को जाग्रत कर रही है। ऐसे योग में किए गए जप, तप, दान और पूजा से व्यक्ति को शिव और विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त होती है।

इस दिन क्या करें, जिससे दोनों देवों की कृपा प्राप्त हो

1. प्रातः काल गंगाजल मिलाकर स्नान करें और अपने इष्टदेव व गुरु को प्रणाम करें।

2. शिवलिंग पर बेलपत्र, जल, दूध और धतूरा चढ़ाएं, साथ ही "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।

3. भगवान विष्णु को तुलसी पत्र, पीले फूल और खीर का भोग लगाएं, और "ॐ विष्णवे नमः" मंत्र का जाप करें।

4. गुरु को वस्त्र, फल और दक्षिणा अर्पित करें, यदि संभव हो तो सत्संग में भाग लें या धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें।

5. इस दिन दान करना अत्यंत शुभ माना गया है, विशेष रूप से अन्न, वस्त्र और पुस्तकें दान करने से दीर्घकालिक पुण्य की प्राप्ति होती है।

शिव और विष्णु के आशीर्वाद से जीवन में आएगा संतुलन और समृद्धि

भगवान शिव को तप, त्याग और संहार का प्रतीक माना जाता है, वहीं विष्णु पालन और संरक्षण के देवता हैं। जब इन दोनों शक्तियों की कृपा एक साथ मिलती है, तो जीवन में संतुलन, शक्ति और समृद्धि का समावेश होता है। सावन पूर्णिमा पर इन दोनों देवों की उपासना से मानसिक शांति, स्वास्थ्य, परिवारिक सौहार्द और आर्थिक उन्नति के द्वार खुल सकते हैं।

इस सावन पूर्णिमा को न करें अनदेखा, दुर्लभ योग का उठाएं लाभ

सावन पूर्णिमा 2025 केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति और ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने का विशेष दिन है। गुरु, शिव और विष्णु – तीनों की आराधना कर यह दिन अत्यंत फलदायी बनाया जा सकता है। ऐसे शुभ संयोग बार-बार नहीं आते, इसलिए इस पावन तिथि पर धार्मिक क्रियाओं और साधना के माध्यम से अपने जीवन को शुभता और समृद्धि से भरने का प्रयास करें।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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