Public Khabar

शिवलिंग पर पूजा करते समय क्या अर्पित करें? जानिए हर सामग्री का धार्मिक महत्व और सही तरीका

शिवलिंग पर पूजा करते समय क्या अर्पित करें? जानिए हर सामग्री का धार्मिक महत्व और सही तरीका
X

भगवान शिव को हिंदू धर्म में सबसे सरल, सहज और कल्याणकारी देवता माना गया है। उनकी पूजा में विशेष विधि-विधान की आवश्यकता नहीं होती, परंतु कुछ ऐसी विशिष्ट चीजें हैं जिन्हें शिवलिंग पर अर्पित करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। अगर आप शिवलिंग की पूजा करते हैं तो यह जानना अत्यंत जरूरी है कि किन वस्तुओं को अर्पित करना शुभ और फलदायक होता है।

जल और दूध से अभिषेक: सबसे प्रिय अर्पण

शिवलिंग पर सबसे पहले शुद्ध जल और दूध से अभिषेक करना चाहिए। यह शारीरिक और मानसिक शुद्धि का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि जल अर्पित करने से जीवन में शांति और संतुलन आता है, वहीं दूध से अभिषेक करने से मानसिक शीतलता और स्वास्थ्य में सुधार होता है। खासतौर पर सावन माह में जल-दूध का अभिषेक अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।

बेलपत्र: शिव की आराधना का सर्वोच्च प्रतीक

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना सबसे अहम माना गया है। तीन पत्तों वाला बेलपत्र त्रिदेवों का प्रतीक होता है, और इसे चढ़ाने से शिव जी अत्यंत प्रसन्न होते हैं। ध्यान रखें कि बेलपत्र ताजगी भरा हो और उस पर चक्र या कीड़े ना हों। यदि आप "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का उच्चारण करते हुए बेलपत्र अर्पित करें तो यह और भी अधिक शुभ फलदायक होता है।

धतूरा, भांग और आक फूल: शिव का प्रिय प्रसाद

भले ही ये वस्तुएं आम पूजन में वर्जित मानी जाती हैं, परंतु भगवान शिव के पूजन में धतूरा, भांग और आक के फूल विशेष स्थान रखते हैं। ये प्रतीक हैं विष के नियंत्रण और तपस्या के। शिव को ये वस्तुएं अर्पित करना उनके त्याग और तप को सम्मान देना माना जाता है। सावधानी के साथ इन्हें चढ़ाना चाहिए और साथ में मंत्र जाप करना उत्तम होता है।

सफेद चंदन और अक्षत: शुभता और समर्पण का संकेत

शिवलिंग पर सफेद चंदन अर्पित करने से जीवन में शांति, प्रतिष्ठा और सौम्यता आती है। वहीं अक्षत (साफ-सुथरा साबुत चावल) अर्पण करना पूर्ण समर्पण और शुद्ध भावना का प्रतीक माना जाता है। यह दर्शाता है कि भक्त अपनी पूर्ण श्रद्धा और निष्ठा से भगवान को अर्पित कर रहा है।

क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?

शिवलिंग पर तुलसी, कुंद के फूल, और शंख जल नहीं चढ़ाना चाहिए। तुलसी मां लक्ष्मी से जुड़ी हैं और शिव-पार्वती से जुड़ा विरोधाभास माना जाता है, इसलिए उन्हें शिवलिंग पर अर्पित नहीं किया जाता। साथ ही कभी भी टूटा हुआ या मुरझाया बेलपत्र या फूल न चढ़ाएं।

श्रद्धा के साथ सही वस्तुएं अर्पित करें, मिलेगा भगवान शिव का आशीर्वाद

भगवान शिव के पूजन में अगर सही सामग्री का उपयोग किया जाए और पूजा सच्चे मन से की जाए तो शिव कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली वस्तुएं सिर्फ धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि गहरे आध्यात्मिक संकेत और मान्यताओं से जुड़ी होती हैं। अतः उनकी पूजा में सावधानी और श्रद्धा दोनों आवश्यक हैं। इससे आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का प्रवाह बना रहेगा।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

Tags:
Next Story
Share it