पीएम मोदी को अपना भगवान मानने वाले मंगल वाराणसी से दिल्ली ट्रॉली रिक्शा चलाकर जाने को हुए मजबूर

पीएम मोदी को अपना भगवान मानने वाले मंगल वाराणसी से दिल्ली ट्रॉली रिक्शा चलाकर जाने को हुए मजबूर
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना भगवान और खुद को उनका परम भक्त बताने वाले मंगल केवट आजकल फिर चर्चा में हैं। मंगल केवट अपने ट्रॉली रिक्शा से दिल्ली के लिए निकल चुके हैं। उनका लक्ष्य है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर अपनी दिवंगत मां की विरासत को बचाने की गुहार लगाना। लगभग 16 साल पहले उन्हें मां से विरासत में मिली जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। मंगल केवट की मां को ग्राम डोमरी में ग्राम समाज से पंचनामा के जरिये जमीन मिली थी।

मंगल केवट को मां से विरासत में मिली जमीन पर 2006 से कब्जा है। पीएम आवास योजना के तहत उस जमीन पर मकान बनवाने के लिए मंगल को पैसा भी स्वीकृत होने में उन्हें काफी जद्दो जहद करनी पड़ी थी। केवट का आरोप है किगांव के कुछ लोग उन्हें पक्का घर बनाने से रोक रहे हैं। उसने पहले उनका नाम पीएम आवास योजना से कटवा दिया था। अब मंगल से जमीन की रजिस्ट्री के लिए पांच लाख रुपये मांगे जा रहे हैं।

मंगल केवट का कहना है कि उन्होंने लेखपाल डीएम और मंडलायुक्त से गुहार लगाई है। इसके बाद भी उनकी समय का समाधान नहीं हुआ। अब मंगल केवट ने प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार लगाने का फैसला लिय है। वे अपनी ट्रॉली रिक्शा से ही दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं। बुधवार की शाम के अयोध्या पहुंच गए थे। मंगल के मुताबिक वे पंद्रह दिन में दिल्ली पहुंच जाएंगे।


मंगल केवट का कहना है कि उनके गांव में किसी घर में शौचालय नहीं था, इसी समस्या को लेकर 7 दिसम्बर 2016 को एक एप्लीकेशन लेकर दिल्ली गए थे। डेढ़ महीने बाद गांव के हर घर में शौचालय बन गया। वे कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी फरियाद, एक भगवान की तरह सुनी, इसीलिए वे उनको भगवान मानते है। बता दें, वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस डोमरी को बतौर सांसद आदर्श गांव गोद लिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने चार वर्ष पूर्व वाराणसी आने पर मंगल केवट को खुद बीजेपी का सदस्य बनाया था।
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