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उत्तराखंड: यहां शराब बंदी के लिए महिलाओं ने छेड़ा ऐसा अभियान, जिसे जानकर आप करेंगे सलाम

उत्तराखंड: यहां शराब बंदी के लिए महिलाओं ने छेड़ा ऐसा अभियान, जिसे जानकर आप करेंगे सलाम

खीड़ा क्षेत्र में शनिवार को...Editor

खीड़ा क्षेत्र में शनिवार को शराब बेचने पहुंची दो पिकअप को गांव की महिलाओं ने 16 घंटे तक रोके रखा। महिलाओं ने पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए कहा कि वह जान दे देंगे, लेकिन शराब नहीं बिकने देंगे।

खीड़ा क्षेत्र में सरकारी अंग्रेजी, देसी शराब की दुकान स्वीकृत है। ग्रामीणों के विरोध के चलते आबकारी विभाग ने वहां सचल वाहन से शराब बेचने की अनुमति दी है। शनिवार को शराब लेकर पहुंची दो पिकप को महिलाओं घेर कर बिक्री नहीं होने दी। रातभर सड़क पर धरना देकर महिलाओं ने वाहन को घेरकर पुलिस प्रशासन के साथ विधायक के खिलाफ प्रदर्शन किया। रविवार सुबह मौके पर पहुंचे द्वाराहाट के थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने क्षेत्र में दोबारा शराब की गाड़ियां नहीं भेजने, दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया तब जाकर कहीं महिलाओं ने वाहन छोड़े।
इससे पहले महिलाओं, पुलिस के बीच रातभर बहस होती रही। महिलाओं ने पुलिस पर ग्रामीणों का तिरपाल फाड़ने, महिलाओं से अभद्रता करने का आरोप लगाया। कहा कि पुलिस ने बुजुर्ग महिलाओं को भी नहीं बख्शा। महिलाओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर जुलूस निकाला। उन्होंने ज्ञापन सौंपकर अभद्रता करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा।
महिलाओं पर पुलिस की बर्बरता
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गांव की लछिमा देवी (65) ने बताया कि एक पुलिसकर्मी ने उनका हाथ जोर से पकड़कर धक्का दे दिया, तब से वह अपना हाथ नहीं उठा पा रही हैं। भागुली देवी ने बताया कि उनके बाएं पैर में डंडा मारा गया। जशोदा देवी, सीता देवी, भगवती देवी, पूजा नेगी, अनीता आदि ने भी अभद्रता की बात कही। बीडीसी सदस्य खीमराम ने बताया कि पुलिस की बदसलूकी से क्षुब्ध लोगों को पुलिस से डंडा तक छीनना पड़ा। ग्रामीणों ने महिलाओं को हटाने के लिए पुरुष जवान लगाने पर भी आपत्ति जताई।
घर पर बारात और माता-पिता धरने पर
शनिवार को खीड़ा की प्रधान आनंदी देवी, उनके पति पूर्व प्रधान लक्ष्मण सिंह नेगी की बेटी की शादी थी। गांव के मुखिया होने के नाते दोनों को बार-बार धरनास्थल पर आना पड़ा। प्रधान आनंदी का कहना है कि रणनीति के तहत शराब की पिकप वहां भेजी गई थी। पुलिस प्रशासन को मालूम था कि उनकी बेटी की शादी है और लोग शादी में व्यस्त रहेंगे लेकिन बेटी की शादी से जरूरी गांव का हित है।
मुख्यमंत्री को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में जबरन शराब बिकवाना, पुलिस भेजना गलत है। मैं क्षेत्र की जनता के साथ हूं। जरूरत पड़ी तो ग्रामीणों के साथ धरने पर भी बैठ सकता हूं।

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