कैलास मानसरोवर यात्रा के प्रमुख पड़ाव गुंजी में खुलेगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
- In उत्तराखंड 8 Dec 2018 4:05 PM IST
तहसील धारचूला के उच्च हिमालयी व्यास घाटी में कैलास मानसरोवर यात्रा के प्रमुख पड़ाव गुंजी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुलेगा। आपदा काल की समस्याओं को देखते हुए दो खाद्यान्न गोदाम खुलेंगे। धारचूला में काली नदी किनारे बाढ़ सुरक्षा के लिए तटबंधों का निर्माण होगा। धारचूला मिनी स्टेडियम का नाम भाजपा नेता स्वर्गीय जवाहर सिंह नबियाल होगा। उच्च हिमालयी व्यास और दारमा घाटी को जोड़ने के लिए सिनला पास से होकर सड़क निर्माण का प्रस्ताव है। उक्त घोषणा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने शनिवार को धारचूला में रंग कल्याण संस्था के एजीएम के दौरान की।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए हुई है। सरकार का प्रयास दूरस्थ क्षेत्रो का विकास है। दूरस्थ क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए खाली होते जा रहे गावों का सर्वे किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चीड़ अब पहाड़ की आजीविका बदलने में सहायक होने जा रहा है।
चीड़ के लीसे और पत्तियों से 147 चीजे बनती है। इसकी जानकारी लेने वैज्ञानिकों और केमिकल पढ़ने वाले विद्यार्थियों की एक टीम को सरकार अध्ययन करने विदेशों में भेज रही है। उन्होंने कहा कि पहाड़ में स्वास्थ्य सेवा के वरदान साबित हुई 108 के 139 नए वाहन क्रय किए गए है। हर विकास खंड में नए वाहन पहुंचने लगे है। इस अवसर पर उन्होंने अखरोट उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया और बताया कि नई प्रजाति का अखरोट की नर्सरी बन चुकी है। यह अखरोट दो साल में ही उत्पादन करने लगता है।
इससे पूर्व मिनी स्टेडियम में उन्होंने दीप जलाकर महोत्सव का उदघाटन किया। इस मौके पर दारमा, व्यास और पड़ोसी देश नेपाल के शौका व्यासी समाज के टिंकर, छांगरु के ग्रामीणों ने पारम्परिक वेशभूषा में संस्कृति प्रदर्शित करती आकर्षक झांकिया निकाली। कार्यक्रम स्थल रंग संस्कृति के रंगों में रंगा रहा। मुख्यमंत्री के साथ वित्त मंत्री प्रकाश पंत थे।
सीएम की प्रमुख घोषणाए
-गुंजी में खुलेगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र।
-क्षेत्र में खुलेंगे दो खाद्यान्न गोदाम।
-काली नदी किनारे आर्चर से कुमाऊं स्काउट तक, खोतिला से धारचूला तक तटबंध का होगा निर्माण।
-धारचूला में पार्किंग का होगा निर्माण।
-धारचूला में मास्टर प्लान।
-छिपलाकेदार में पर्यटन विकास
-दारमा, व्यास में जड़ी बूटी का मंडी के लिए संग्रह केंद
-दारमा के दुगतू और बौन के मध्य झूला पल
-दारमा में अखरोट की नर्सरी
-सौंन गाव में ह्या गबला देव मंदिर सौंदर्यीकरण।