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भाजपा का 'ऑपरेशन यूपी' कर्नाटक चुनाव के बाद, संगठन से सरकार तक होगा बदलाव

भाजपा का ऑपरेशन यूपी कर्नाटक चुनाव के बाद, संगठन से सरकार तक होगा बदलाव

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कर्नाटक चुनाव के बाद भाजपा का 'ऑपरेशन यूपी' शुरू हो जाएगा। इसके तहत संगठन से सरकार तक बदलाव शामिल है। साथ ही कुछ के कद को कम किया जा सकता है तो कुछ का कद बढ़ाया जाएगा। इस ऑपरेशन के तहत कुछ पुराने नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

बुधवार को यहां मुख्यमंत्री आवास पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 14 लोगों से दस घंटे से अधिक तक हुई बातचीत की। इस दौरान कई बार शाह के माथे पर बल पड़े, त्यौरियां चढ़ीं। कई बार उनके मुंह से सामने वालों के लिए नसीहतें और हिदायतें निकलीं।

यही नहीं, सरकार और संगठन के जिम्मेदार लोगों को कुछ के नाम लेकर उन पर नजर रखने और सुधारने की चेतावनी देने का संदेश भी सौंपा गया। साथ ही पूछा गया कि बीते एक वर्ष में घटी घटनाओं पर किसने क्या किया।

शाह की बैठक की जो जानकारी बाहर आई है, उससे पता चलता है कि संगठन और सरकार के लोगों की महत्वाकांक्षाएं ही भाजपा की साख के लिए बड़ी समस्या बनी हैं। शाह ने कुछ सांसदों व विधायकों के धरने पर बैठ जाने, कुछ मंत्रियों के सरकार व संगठन को समस्या में डालने वाले बयानों का हवाला देते हुए संगठन व सरकार दोनों के जिम्मेदार लोगों से पूछा कि उस पर क्या किया गया?

किसी ने कोई जवाब नहीं दिया तो शाह बोले, इसी कारण मन बढ़ा। संगठन और सरकार के बीच दूरी का संदेश गया। साख पर सवाल खड़ा हुआ। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि उन्हें पता है कि कुछ लोगों की महत्वाकांक्षाएं टकरा रही हैं। यह ठीक नहीं है।
कैराना-नूरपूर उपचुनाव का टास्क सौंपा
बैठक में कैराना और नूरपुर उपचुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। संगठन और सरकार दोनों को साथ बैठाकर इन दो सीटों का टास्क सौंपा गया। शाह ने कहा कि इन दोनों सीटों के नतीजे उत्तर प्रदेश के जिम्मेदार लोगों की 2019 की तैयारी की बानगी होंगे। विपरीत स्थिति हुई तो बड़ा फैसला लेना पड़ेगा।

नियुक्तियों पर पूछताछ
भाजपा अध्यक्ष ने पिछले दिनों कुछ सरकारी संस्थाओं में नियुक्तियों के दौरान संगठन और सरकार के बीच मतभेद के बारे में भी पूछताछ की। साथ ही संगठन और सरकार के लोगों से उनके नामों की पूरी पृष्ठभूमि समझी। साथ ही आगे होने वाली नियुक्तियों की तैयारी के बारे में फीडबैक लिया। सांसदों, विधायकों और संगठन की तरफ से अधिकारियों को लेकर उठाए गए सवाल और उनकी तैनाती के बारे में भी पूरी स्थिति समझी।

संकल्प पत्रों के कामों पर अमल
शाह ने संकल्प पत्रों के वादों पर अमल के बारे में हकीकत जानी और बचे हुए वादों पर शीघ्र अमल का टास्क मुख्यमंत्री को सौंपा। बताया जाता है कि इसके नतीजे जल्द ही दिखाई देने लगेंगे। क्षेत्रीय और अलग-अलग वर्गों के लिए की गई घोषणाओं पर भी बातचीत हुई।

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