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बजट 2018: नोटबंदी के असर से निकली कंपनियां, तिमाही नतीजों से जगी आस

बजट 2018: नोटबंदी के असर से निकली कंपनियां, तिमाही नतीजों से जगी आस

इस साल के बजट से पहले देश भर...Editor

इस साल के बजट से पहले देश भर की कंपनियां नोटबंदी के असर से पूरी तरह बाहर निकल आई हैं। कंपनियों द्वारा शेयर बाजार में घोषित नतीजों से तो ऐसा ही लगता है।

कच्चा माल हो रहा है महंगा
हालांकि कच्चा माल लगातार महंगा हो रहा है। खासतौर पर एफएमसीजी कंपनियों का हाल सही नहीं है। इनपुट कॉस्ट बढ़ने से कंपनियों की तैयार माल पर लागत बढ़ गई है। लेकिन ज्यादा बिक्री होने से इन कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की है।
लगातार बढ़ रही है डिमांड
नोटबंदी के बाद से जिस तरह डिमांड में गिरावट देखी गई थी, उसके मुकाबले अब एक साल बाद डिमांड में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में शुमार हिंदुस्तान यूनिलीवर के मुताबिक बड़ी कंपनियों के अलावा छोटी कंपनियों के प्रोडक्ट्स भी बड़ी संख्या में बिकने लगे हैं।
पूंजी बाजार 95.91 डॉलर के पार
देश का विदेशी पूंजी भंडार 26 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 95.91 करोड़ डॉलर बढ़कर 414.78 अरब डॉलर हो गया, जो 26,430.8 अरब रुपये के बराबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, विदेशी पूंजी भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा भंडार आलोच्य सप्ताह में 93.46 करोड़ डॉलर बढ़कर 390.76 अरब डॉलर हो गया, जो 24,896.3 अरब रुपये के बराबर है।
जारी रहेंगे देश में रिफॉर्म
पिछले दिनों नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में मैक्रोइकोनॉमिक वातावरण बेहतर बना हुआ है। सरकार ने पिछेल दिनों कई रिफॉर्म किए हैं। आगे भी सरकार द्वारा स्ट्रक्चरल रिफॉर्म जारी रहेगा। इससे देश में स्पेंडिंग बढ़ेगी, जिसका फायदा इकोनॉमी को होगा। फिलहाल भारत में निवेश और ग्रोथ के लिए पॉजिटिव आउटलुक बना हुआ है।

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