GST-नोटबंदी पर भाजपा को मिलेगा गुजरात फतह से बूस्ट, जारी रह सकते हैं सरकार के रिफॉर्म
- In बिजनेस 18 Dec 2017 3:52 PM IST
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गुजरात विधानसभा चुनाव के शुरुआती रुझानों से एक बार फिर से भाजपा ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। अगर नतीजे भी रुझानों के मुताबिक रहते हैं तो फिर केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए जीएसटी और नोटबंदी जैसे कठिन रिफॉर्म को आगे भी जारी रखने के लिए काफी बूस्ट मिल सकता है। हालांकि शेयर बाजार में 800 अंकों की बड़ी गिरावट देखने को मिली। लेकिन बाद में काफी मजबूत स्थिति में पहुंच गया है।
2019 के लिए रास्ता साफ, लेकिन अभी भी कठिन डगर
गुजरात को देश का बिजनेस हब माना जाता है, क्योंकि सबसे ज्यादा कारोबारी इसी राज्य में रहते हैं। सूरत हीरा और कपड़े के कारोबार का बड़ा हब है। जीएसटी और नोटबंदी से इस शहर में बड़ा प्रभाव पड़ा था। ऐसा माना जा रहा कि इन कठिन रिफॉर्म से कारोबारी भाजपा से नाराज हैं और वो कांग्रेस को वोट दे सकते हैं, लेकिन नतीजों से यह बात भी पीछे रह गई।
पटेलों के गढ़ में भी भाजपा आगे
पीएम मोदी, अमित शाह
सूरत के अलावा राजकोट भी बड़ा शहर है, जहां पर पटेलों की संख्या सबसे ज्यादा है, लेकिन यहां भी भाजपा की सबसे ज्यादा सीटें आ रही हैं। हालांकि शहरों में रहने वाला कारोबारी वर्ग जीएसटी, नोटबंदी से परेशान था लेकिन बिजनेस को चलाने के लिए जो माहौल भाजपा शासन में मिलता है, वैसा कांग्रेस के राज में मिलने पर कारोबारी आशंकित थे।
जारी रहेंगे रिफॉर्म
जानकारों के मुताबिक इस जीत के बाद केंद्र सरकार अपने रिफॉर्म को जारी रखेगी। हालांकि इनमें FDRI बिल और बेनामी संपत्ति कानून को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। केंद्र सरकार के पास अब केवल एक साल बचा है।
सरकार की कोशिश है कि 2019 से पहले वित्तीय घाटे को कम करना है, इसके लिए सरकार अपना पूरा फोकस रिफॉर्म पर रखेगी। इसकी झलक सरकार आगामी बजट में दिखा सकती है। अब फरवरी में पेश होने वाले बजट में सरकार पेट्रोल-डीजल, नेचुरल गैस आदि को जीएसटी के दायरे में लाने का ऐलान कर सकती है।
इसके अलावा नौकरियों को बढ़ाना, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देना, इकोनॉमिक ग्रोथ को आगे बढ़ाने के साथ सोशल सेक्टर पर भी अपना फोकस रखना होगा।
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