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प्रॉपर्टी डीलरों ने दस्तावेजों में हेराफेरी कर बेच दी सौ करोड़ की सरकारी जमीन

प्रॉपर्टी डीलरों ने दस्तावेजों में हेराफेरी कर बेच दी सौ करोड़ की सरकारी जमीन

सरकारी कर्मचारियों और...Editor

सरकारी कर्मचारियों और प्रॉपर्टी डीलरों के गठजोड़ ने दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर एक अरब रुपये की 91 बीघा सरकारी जमीन बेच डाली। शिकायत पर जांच में गड़बड़झाला सामने आया तो हड़कंप मच गया। प्रशासन ने तत्कालीन कर्मचारियों की भूमिका की जांच करने के साथ ही लेखपाल के खिलाफ एसडीएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

सरकारी जमीन हड़पने का यह मामला सरोजनीनगर तहसील के अंतर्गत भटगांव ग्राम पंचायत का है। हालांकि, तब यह गांव सदर तहसील के अंतर्गत आता था। अपर जिलाधिकारी प्रशासन श्रीप्रकाश गुप्ता के मुताबिक एसडीएम सरोजनीनगर चंदन पटेल की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उनके आधार पर तत्कालीन लेखपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। इसके अलावा तत्कालीन अफसरों और तहसील कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए अपर नगर मजिस्ट्रेट चतुर्थ के नेतृत्व में टीम बना दी गई है। टीम इस बात का पता लगाएगी कि उस समय कौन-कौन से अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका इस गड़बड़झाले में थी।

1977 हुई फर्जीवाड़े की शुरुआत

एडीएम के मुताबिक फर्जीवाड़े की शुरुआत 1977 में की गई थी। तत्कालीन चकबंदी अधिकारी और लेखपाल की मिलीभगत से जमीन के मूल दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर दूसरे के नाम चढ़ा दिया गया। इसके बाद अधिकारियों और प्रॉपर्टी डीलरों ने जमीन बेच डाली।

ऐसे किया फर्जीवाड़ा

चकबंदी प्रक्रिया के दौरान बंदोबस्त अभिलेख सीएच-45 दो प्रतियों में तैयार होता है। एक प्रति राजस्व अभिलेखागार व दूसरी क्षेत्रीय लेखपाल के पास रहती है। दोनों प्रतियों का मिलान करने पर पाया गया कि अभिलेखागार में और लेखपाल के प्रपत्र में कई खातेदारों के नाम अलग-अलग हैं। जालसाजों ने अभिलेखों में हेराफेरी कर चहेतों के नाम जमीन चढ़ा दी। जांच के दौरान जब 1374-1476 फसली, जिसके रिकार्ड राजस्व अभिलेखों में सुरक्षित हैं का अवलोकन किया गया तो इसमें भूदान यज्ञ कमेटी के खाते के सम्मुख अंकित पांच आदेशों में एसडीएम के आदेशों का हवाला देते हुए खातेदारों के नाम प्रविष्टियां अंकित कर दी गईं। जबकि, राजस्व अभिलेखागार में उपलब्ध सीएच-45 बंदोबस्त इस खतौनी के ठीक पूर्व का है, जिसमें चकबंदी अधिकारी के आदेश का हवाला दिया गया है। इस प्रकार एक स्थान पर चकबंदी अधिकारी का आदेश तथा इसके ठीक बाद एसडीएम का आदेश इन प्रविष्टियों को फर्जी साबित करता है।

सैकड़ों लोगों के आशियाने पर संकट

फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब उन लोगों के सामने अपना आशियाना बचाने का संकट खड़ा हो गया है, जिन्होंने ये जमीन खरीदकर घर बना लिए। एडीएम प्रशासन का कहना है कि कुछ जमीन कब्जे में ले ली गयी है और बाकी परबेदखली की कार्रवाई होगी।

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